# सिरपुर के पाण्डुवंश/सोमवंश | सोम वंश छत्तीसगढ़ | पाण्डु वंश छत्तीसगढ़ | Pandu Vansh Chhattisgarh

सिरपुर के पाण्डुवंश/सोमवंश (Som Vansh – Pandu Vansh Chhattisgarh) : पांचवीं शताब्दी में छत्तीसगढ़ (श्रीपुर / वर्तमान- सिरपुर) पर शासन करने वाले पाण्डुवंश के प्रारंभिक शासक उदयन, इन्द्रबल, नन्नदेव थे, जिनका राज्य पर्याप्त विस्तृत था, इन्हें सोमवंशी भी कहा जाता था। इस राजवंश के प्रथम शासक उदयन था जिसका उल्लेख कालिंजर के शिलालेख में आदिपुरुष … Read more

# छत्तीसगढ़ के लोक पर्व | छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीज एवं त्यौहार, उत्सव | Chhattisgarh Ke Tihar

किसी भी क्षेत्र के संस्कृति के विकास में स्थानीय त्योहारों का विशेष योगदान होता है, ये संस्कृति को जीवंत स्वरूप प्रदान करता हैं। पर्वों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ वर्ष के बारहों महीने कोई न कोई पर्व मनाता रहता है, जो यहाँ की सांस्कृतिक भावों को उल्लासित करते रहते हैं। कुछ प्रमुख स्थानीय त्योहारों का विवरण … Read more

# छत्तीसगढ़ के नामकरण | छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम | छत्तीसगढ़ का नाम छत्तीसगढ़ क्यों पड़ा | Chhattisgarh Ke Naamkaran

छत्तीसगढ़ में सभ्यता का विकास एवं उद्भव देश के अन्य क्षेत्रों के समान ही इतिहास के विभिन्न कालखंडों से गुजरते हुए हुआ है, परन्तु छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास क्षेत्रीयता से प्रभावित होने के कारण अपनी पृथक पहचान रखता है। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना से पूर्व यह मध्यप्रदेश का भाग था। अभिलेखों, ताम्रपत्रों एवं प्राचीन धार्मिक … Read more

# समाजशास्त्र तथा मानवशास्त्र में संबंध व अन्तर | Difference in Sociology and Anthropology

समाजशास्त्र तथा मानवशास्त्र में संबंध सामाजिक मानवशास्त्र और समाजशास्त्र एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं। सम्बन्धों की इसी घनिष्ठता के कारण इनमें कोई स्पष्ट विभाजक रेखा खींचना सम्भव नहीं है। इवान्स प्रियार्ड की मान्यता है कि सामाजिक मानवशास्त्र को समाजशास्त्रीय अध्ययनों की एक शाखा माना जा सकता है, वह शाखा जो प्रमुखतः अपने को … Read more

# व्यावहारिक समाजशास्त्र की परिभाषा, उपयोगिता या महत्व | Vyavaharik Samajshastra

व्यावहारिक समाजशास्त्र की परिभाषा : फैडरिको (Federico) के अनुसार- “व्यावहारिक समाजशास्त्र सामान्य समाजशास्त्र की प्रयोगात्मक शाखा है जो समाजशास्त्रीय ज्ञान को लोगों के जीवन को उन्नत करने हेतु प्रयोग में लाने पर बल देती है।” व्यावहारिक समाजशास्त्र : व्यावहारिक समाजशास्त्र के समर्थक समाजशास्त्र में व्यावहारिक शोध करने पर बल देते हैं, व्यावहारिक शोध ज्ञान प्राप्ति … Read more

# समाजशास्त्र का महत्व, उपयोगिता | Samajshastra ka Mahatva, Upyogita

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज और व्यक्ति के पारस्परिक सम्बन्धों का विवेचन अनेक दृष्टिकोणों से विभिन्न विद्वानों ने किया है, इन सब ने विज्ञान के एक ही तथ्य पर एकमत किया हैं कि समाज के बिना मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं है और मनुष्य के बिना समाज का आधार ही नहीं है। समाजशास्त्र पहला … Read more