# ब्रिटिश भारत के किसान (कृषक) आन्दोलन : कारण एवं स्वरूप (Krishak/Kisan Aandolan)

कृषक आन्दोलन (Peasant Movements) : अंग्रेजी शासनकाल में किसानों की दशा सोचनीय थी। प्रत्येक भूमि बन्दोबस्त (Land Settlement), जो अंग्रेज करते थे, भारतीय किसानों की स्थिति को और खराब कर देता था। नवीन भूमि व्यवस्था के कारण अनेक प्रकार के भूमिपति हो गए थे जिनकी शोषण प्रवृत्ति का शिकार किसान ही होता था। इस प्रकार … Read more

# ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्त (ब्रह्म समाज और राजा राममोहन राय)

राजा राममोहन राय भारतीय नवजागरण के अग्रदूत और सुधार आन्दोलनों के प्रणेता थे। वे एक नये युग के प्रवर्तक थे। 1828 ई. में इन्होंने ‘ब्रह्म समाज‘ की स्थापना की। प्रारम्भिक जीवन– 1772 ई. में बंगाल के वर्धमान जिले के राधानगर में प्रतिष्ठित कुलीन ब्राह्मण परिवार में उनका जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम रमाकान्त … Read more

# आर्य समाज के प्रमुख सिद्धान्त (आर्य समाज और स्वामी दयानन्द सरस्वती)

आर्य समाज ने समाज सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया। इसके प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती थे। परिचय: आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती थे। 19वीं शताब्दी के सामाजिक और धार्मिक आन्दोलनों में आर्य समाज सबसे शक्तिशाली आन्दोलन सिद्ध हुआ स्वामी दयानन्द सरस्वती ने वैदिक धर्म और संस्कृति को पुनर्जीवित किया और सर्वप्रथम ‘वेदों … Read more

# भारत में कुटीर उद्योग के पतन (विनाश) के कारण | Reasons for the Decline of Cottage Industry in India

कुटीर उद्योग के विनाश/पतन के कारण : भारत में उन्नीसवीं शताब्दी में महान् आर्थिक परिवर्तन हुए। इस शताब्दी में चाय, जूट व सूती वस्त्र आदि उद्योगों को विकसित करने का प्रयत्न किया गया, किन्तु यह विकास नगण्य मात्र था। अठारहवीं शताब्दी के अन्त तक ही भारत के अपने मूल उद्योग पूर्ण रूप से समाप्त हो … Read more

# जापान में मेइजी पुनर्स्थापना, आधुनिकीकरण, सुधार, कारण (Meiji Restoration, Modernization)

मेइजी पुनर्स्थापना : मेइजी पुनर्स्थापना जापान के इतिहास की अति महत्वपूर्ण घटना है। पुनर्स्थापना काल से ही आधुनिक जापान का निर्माण आरम्भ हुआ। मेईजी पुनर्स्थापना के योगदान से ही जापान में सामन्त प्रथा की समाप्ति हुई जिसके परिणामस्वरूप जापान की जो प्रगति अवरुद्ध हो गयी थी, पुनः आरम्भ हो गयी। जापान को विदेशी साम्राज्य की … Read more

# यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख कारण और परिणाम (The Greek War of Independence)

टर्की के अधीनस्थ राज्य के रूप में यूनान एक छोटा-सा क्षेत्र था। वैसे तो अनेक राज्य टर्की की अधीनता में अत्याचारी और दमन का जीवन व्यतीत कर रहे थे, परन्तु यूनान में स्थिति कुछ विशेष थी। यूनानियों को यह अधिकार और सुविधाएँ प्राप्त थीं कि वे अपनी मर्जी से अपने धर्म का पालन करते रहे। … Read more