# छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश साम्राज्य का प्रभाव | British Empire In Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन : लार्ड डलहौजी के द्वारा 13 मार्च 1854 को “हड़प नीति” के तहत नागपुर राज्य का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय की घोषणा के साथ ही छत्तीसगढ़ पर अंग्रेजों का प्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण स्थापित हो गया, जो वर्ष 1947 तक बना रहा। नागपुर राज्य के ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित होने पर … Read more

# छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास (मराठा शासन) | Chhattisgarh me maratha shasan

छत्तीसगढ़ में मराठा शासन : छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास छत्तीसगढ़ में मराठा आक्रमण एवं कल्चुरियों के पतन के साथ ही आरम्भ होता है। पतन के कगार पर पहुँच चुके हैहयवंश के शासन का लाभ उठाकर नागपुर के भोंसले सेनापाति भास्कर पंत ने 1741 ई. में लगभग तीस हजार सैनिकों के साथ तत्कालीन रतनपुर के कल्चुरी शासक … Read more

# रायपुर के कल्चुरि वंश (लहुरी शाखा) | Raipur Lahuri Shakha Kalchuri Vansh

रायपुर के कल्चुरि वंश (लहुरी शाखा) : लगभग 1460 ईसवी में कल्चुरि शासकों के अधीन छत्तीसगढ़ दो राजनैतिक सत्ता में विभाजित हो गया, जिनमें रतनपुर शाखा (शिवनाथ नदी के उत्तर) के अंतर्गत 18 गढ़ एवं रायपुर शाखा (शिवनाथ नदी के दक्षिण) के अंतर्गत 18 गढ़ शामिल था। रायपुर शाखा के संस्थापक सम्भवतः केशवदेव था। कल्चुरि … Read more

# प्राचीन छत्तीसगढ़ का इतिहास | Prachin Chhattisgarh Itihas

छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुआ, लेकिन इसका इतिहास मानव सभ्यता के प्रारंभिक विकास से लेकर आधुनिक काल तक के इतिहास का साक्षी रहा है। ऐतिहासिक साक्ष्यों से स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में भी सभ्यता का उद्भव एवं विकास देश के अन्य क्षेत्रों के साथ ही विकसित हुई है, लेकिन छत्तीसगढ़ … Read more

# सातवाहन वंश (सातवाहन साम्राज्य) कालीन छत्तीसगढ़ | Chhattisgarh Me Satvahan Vansh

सातवाहन वंश कालीन छत्तीसगढ़ : मौर्य साम्राज्य के पतन होते ही भारतवर्ष में चार मुख्य राजवंशों मगध में शुंग, कलिंग में चेदिवंश, दक्षिणापथ में सातवाहन वंश और पश्चिमोत्तर प्रदेशों में यमनों का शासन स्थापित हुआ। सातवाहन राजा स्वयं को “दक्षिणापथ स्वामी” कहते थे। इन्होंने लगभग 400 से अधिक वर्षों तक शासन किया। दक्षिण कोसल में … Read more

# छत्तीसगढ़ में नलवंश | नलवंश कालीन छत्तीसगढ़ | Chhattisgarh Me NalVansh

नलवंश कालीन छत्तीसगढ़ : दक्षिण कोसल के क्षेत्र में नलवंश का शासन लगभग 5वीं से 12वीं शताब्दी तक माना जाता है। कोंडागांव के एडेंगा नामक स्थान से प्राप्त स्वर्ण मुद्राएं यह प्रमाणित करता है कि बस्तर के कोरापुट अंचल में नलवंशीय शासकों का शासन रहा है। संभवतः इस वंश के संस्थापक शिशुक था, लेकिन वास्तविक … Read more