# छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार – 2022 | Chhattisgarh Rajya Alankaran Puraskar 2022

छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार – 2022 छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस वर्ष 2022 के अवसर पर इस बार विभिन्न 33 विधाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को सम्मानित किया गया। 1. शहीद वीरनारायण सम्मान क्षेत्र : आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग का उत्थान विभाग : आदिम जाति कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन, ने श्री नारायण … Read more

# छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभावनाएं एवं सहयोगी कारक

वर्तमान समय में पर्यटन केवल मुद्रा अर्जित करने तथा मनोरंजन का साधन ही नहीं है, अपितु इसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों, देशों के लोगो की सभ्यता एवं संस्कृति का भी आदान-प्रदान होता है, आपस में मित्रता सामंजस्य तथा सद्भाव बढता है। शाब्दिक अर्थ में पर्यटन अंग्रेजी भाषा के TOURISM शब्द का हिन्दी रूपांतरण है जिसकी … Read more

# भंगाराम देवी : भादो जातरा उत्सव | देवी-देवताओं की जन-अदालत : केशकाल (बस्तर) | Bhangaram Devi Jatara Utsav

भंगाराम देवी की भादो जातरा उत्सव एवं जन-अदालत : सदियों से अपनी हर समस्या के लिए ग्राम देवताओं की चौखट पर मत्था टेकने वाली बस्तर की जनजातियाँ जन अपेक्षाओं की कसौटी पर खरे नहीं उतरने वाले देवी-देवताओं को भी दंडित करने का जज्बा रखते हैं। यह दंड आर्थिक जुर्माने, अस्थाई रूप से निलंबन या फिर … Read more

# दंतेवाड़ा की फागुन मंडई मेला | Dantewada Ki Fagun Mandai Mela

दंतेवाड़ा की फागुन मंडई : बस्तर के ऐतिहासिक मेला परंपरा में दंतेवाड़ा की फागुन मंडई का स्थान भी अत्याधिक महत्वपूर्ण है। यह प्रतिवर्ष फागुन मास में सप्तमी शुक्ल पक्ष से शुक्ल चौदस तक मनाया जाता है। यह मेला दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी के सम्मान में मनाया जाता है। बस्तर रियासत के काकतीय (चालुक्य) महाराजा पुरूषोत्तम देव … Read more

# नारायणपुर का मावली मेला | Mavali Mata Mela Narayanpur

नारायणपुर का मावली मेला : बस्तर क्षेत्र के प्रसिद्ध मेला-मड़ईयों में नारायणपुर का मावली मेला विख्यात है। यह मेला सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होने के साथ ही प्राचीन भी है। किवदंतियों के अनुसार यह मेला आज से 800 वर्ष पूर्व से आयोजित हो रहा है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से नारायणपुर के मावली मेले का प्रारंभ काकतीय … Read more

# छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजाति | छत्तीसगढ़ की PVTG जनजाति | CG Vishesh Pichhadi Janjati

छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजाति : भारत सरकार द्वारा सन 1960-61 ई. में अनुसूचित जनजातियों में आपस में ही विकास दर की असमानता का अध्ययन करने के लिए ‘उच्छरंगै नवलशंकर ढेबर‘ की अध्यक्षता में “ढेबर आयोग” का गठन किया गया था। ढेबर आयोग के रिपोर्ट के आधार पर अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत एक उपवर्ग बनाया गया जिसे … Read more