# एम. सी. मेहता बनाम तमिलनाडु राज्य वाद

एम. सी. मेहता बनाम तमिलनाडु राज्य वाद : एम. सी. मेहता बनाम तमिलनाडु राज्य वाद में प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता श्री एम. सी. मेहता ने लोकहित बाद द्वारा शिव काशी उद्योग (तमिलनाडु राज्य) में कार्य कर रहे बालकों की दयनीय स्थिति का प्रश्न न्यायालय के समक्ष रखा एवं प्रार्थना किया कि न्यायालय बालकों के … Read more

# ए. आर. अन्तुले बनाम आर. एस. नाइक वाद

ए.आर. अन्तुले बनाम आर. एस. नाइक वाद : ए. आर. अन्तुले बनाम आर. एस. नाइक वाद अधिकारों एवं निदेशक सिद्धान्तों में विहित न्याय की संकल्पना से जुड़ा है। इस वाद में न्यायालय ने अधिकारों का विस्तार करते हुए आपराधिक मामलों में त्वरित न्याय पर निर्णय दिया, न्यायालय के अनुसार – “आपराधिक मामलों में आरोपित व्यक्ति … Read more

# रंजन द्विवेदी बनाम भारत संघ वाद

रंजन द्विवेदी बनाम भारत संघ वाद : रंजन द्विवेदी बनाम भारत संघ वाद से पूर्व के वर्षों में निदेशक तत्वों को श्रेष्ठता या सर्वोच्चता न्यायालय द्वारा मात्र इस आधार पर नहीं दी गई कि ये वाद-योग्य (Justiciable) नहीं हैं परन्तु हाल के वर्षों में इस स्थिति में व्यापक अन्तर देखा जा सकता है। न्यायालय ने … Read more

# रणधीर सिंह बनाम भारत संघ वाद

रणधीर सिंह बनाम भारत संघ : रणधीर सिंह बनाम भारत संघ वाद निदेशक तत्वों में निहित ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ से सम्बन्धित है, साथ ही जो मौलिक अधिकारों में समानता के अधिकार विशेषतः लोक सेवाओं में अवसर की समानता है उससे भी जुड़ा है। यद्यपि समान कार्य के लिए समान वेतन स्पष्टतः मौलिक … Read more

# सरला मुद्गल बनाम भारत संघ मामला (Sarla Mudgal Case)

सरला मुद्गल बनाम भारत संघ : सरला मुद्गल बनाम भारत संघ वाद सामुदायिक कल्याण से जुड़ा बाद है, भारत के संविधान के निदेशक तत्वों में नागरिकों के लिए एक ‘समान सिविल संहिता’ को भी उल्लिखित किया गया है। संविधान की व्यवस्थानुसार – “राज्य, भारत के समस्त राज्य क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल … Read more

# जुगल किशोर बनाम लेबर कमिश्नर वाद

जुगल किशोर बनाम लेबर कमिश्नर वाद : जुगल किशोर बनाम लेबर कमिश्नर के इस वाद में बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम की धारा 26 ( 2 ) की वैधता को चुनौती दी गयी थी एवं उक्त अधिनियम को अनु० 19(i)(g) द्वारा प्रत्याभूत स्वतन्त्रता के विरूद्ध माना गया था। भारत का संविधान ‘स्वतन्त्रता के अधिकार‘ के … Read more