# सामाजिक परिवर्तन पर गाँधीवादी विचारधारा (गाँधीवादी सिद्धान्त) | Gandhian Theory on Social Change

परिवर्तन प्रकृति का नियम है। समाज और राज्य में परिवर्तन होते रहते हैं। यह प्रक्रिया अविचल गति से चलती रहती है। अतएव राजनीतिक-सामाजिक चिन्तकों के लिए यह विषय विचारणीय रहा है कि परिवर्तन के नियम क्या हैं, परिवर्तन में मनुष्य की क्या भूमिका है, परिवर्तन की गति, उसका लक्ष्य क्या है? इस सभी प्रश्नों पर … Read more

# राजनीति विज्ञान की अध्ययन पद्धतियां | Study Methods of Political Science

राजनीति विज्ञान की अध्ययन पद्धतियां : किसी भी विषय के व्यवस्थित ज्ञान के लिए आवश्यक है कि उसके अध्ययन की एक उचित पद्धति हो । राजनीति के समुचित अध्ययन के लिए भी कोई पूर्ण पद्धति होना जरूरी है, किन्तु प्रकृति विज्ञानों की घटनाओं के समान राजनीति विज्ञान की घटनाओं का क्रम निश्चित नहीं है। अतः … Read more

# राजनीति विज्ञान की प्रकृति (Rajniti Vigyan Ki Prakriti)

राजनीति विज्ञान की प्रकृति : इस विचार को तो सभी विद्वान स्वीकार करते हैं कि मनुष्य के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है, किन्तु इसकी प्रकृति क्या है ? इस बारे में मतभेद है। जहाँ अरस्तू ने इस शास्त्र को सर्वोच्च विज्ञान की संज्ञा दी है, वहाँ बकल, कॉम्टे, मैटलैण्ड … Read more

# राजनीति विज्ञान का विषय-क्षेत्र (अध्ययन-क्षेत्र) | Subject Field of Political Science

राजनीति विज्ञान का विषय-क्षेत्र : राजनीति विज्ञान, समाज के अध्ययन का वह पहलू है जिसमें हम राज्य और संगठन का अध्ययन करते हैं। किसी विषय के क्षेत्र का अर्थ होता है उसकी विषय-वस्तु क्या है ? उसके अन्तर्गत किन-किन बातों का अध्ययन किया जाता है। राजनीति विज्ञान की परिभाषा के सम्बन्ध में विद्वान एकमत नहीं … Read more

# भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं | Bharatiya Samvidhan Ki Visheshata

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत के संविधान सभा ने भारत का नवीन संविधान निर्मित किया। 26 नवम्बर, 1949 ई. को नवीन संविधान बनकर तैयार हुआ। इस संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। यह संविधान 26 जनवरी, 1950 को कार्यान्वित किया गया। भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं : यह संविधान … Read more

# प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य | Freedom of Press and Expression

प्रेस की स्वतन्त्रता : संविधान में प्रेस की आज़ादी के विषय में अलग से कोई चर्चा नहीं की गई है, वहाँ केवल वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में उल्लेख किया गया है। किसी भी पत्रकार के लिए यह आवश्यक है कि वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए स्वतन्त्रता के साथ … Read more