# समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा (समाजशास्त्र क्या है?) | Meaning and definition of sociology

समाजशास्त्र का अर्थ : समाजशास्त्र (Sociology) शब्द लैटिन भाषा के “सोशियस” (Socius) और ग्रीक भाषा के “लोगस” (Logos) शब्द से मिलकर बना है। जिसका शाब्दिक अर्थ “समाज का विज्ञान” या “समाज का अध्ययन” है। यद्यपि विभिन्न समाजशास्त्रियों द्वारा इसकी व्याख्या सम्पूर्ण समाज का अध्ययन करने वाला विज्ञान, सामाजिक संबंधों का अध्ययन करने वाला विज्ञान, सामाजिक … Read more

# भारत में कुटीर उद्योग के पतन (विनाश) के कारण | Reasons for the Decline of Cottage Industry in India

कुटीर उद्योग के विनाश/पतन के कारण : भारत में उन्नीसवीं शताब्दी में महान् आर्थिक परिवर्तन हुए। इस शताब्दी में चाय, जूट व सूती वस्त्र आदि उद्योगों को विकसित करने का प्रयत्न किया गया, किन्तु यह विकास नगण्य मात्र था। अठारहवीं शताब्दी के अन्त तक ही भारत के अपने मूल उद्योग पूर्ण रूप से समाप्त हो … Read more

# राजनीति विज्ञान की प्रकृति (Rajniti Vigyan Ki Prakriti)

राजनीति विज्ञान की प्रकृति : इस विचार को तो सभी विद्वान स्वीकार करते हैं कि मनुष्य के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है, किन्तु इसकी प्रकृति क्या है ? इस बारे में मतभेद है। जहाँ अरस्तू ने इस शास्त्र को सर्वोच्च विज्ञान की संज्ञा दी है, वहाँ बकल, कॉम्टे, मैटलैण्ड … Read more

# प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य | Freedom of Press and Expression

प्रेस की स्वतन्त्रता : संविधान में प्रेस की आज़ादी के विषय में अलग से कोई चर्चा नहीं की गई है, वहाँ केवल वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में उल्लेख किया गया है। किसी भी पत्रकार के लिए यह आवश्यक है कि वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए स्वतन्त्रता के साथ … Read more

# प्रदूषण के प्रकार, स्त्रोत एवं प्रमुख प्रदूषक | Types of pollution, sources and major pollutants

पर्यावरण प्रदूषण : प्रकृति का अवलोकन करने पर जो कुछ परिलक्षित होता है, पर्यावरण के अन्तर्गत आता है। पर्यावरण के लिये अंग्रेजी शब्द Environment प्रयुक्त किया जाता है जो फ्रेंच भाषा के Environ से बना है जिसका अर्थ होता है आस-पास का वातावरण। हिन्दी में पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है- परि+आवरण। अतः पर्यावरण … Read more

# जलभरण (वाटरशेड) प्रबंधन, उद्देश्य, महत्व एवं आवश्यकता (Watershed Management)

जलभरण (वाटरशेड) प्रबंधन : ‘वाटरशेड’ (जलभरण) भूपटल पर एक जल निकास क्षेत्र है जहाँ से वर्षा के फलस्वरूप जल प्रवाहित होते हुए एक बड़ी धारा, नदी, झील या समुद्र में मिल जाती है। वाटरशैड किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन इसका प्रबंध जल भू-वैज्ञानिक तरीके एवं प्राकृतिक रूप में होना चाहिए। वाटरशैड आधारित … Read more