# समिति एवं समुदाय में अंतर | Samiti Aur Samuday Me Antar | Committee And Community

समिति एवं समुदाय में अन्तर : समिति एवं समुदाय दो भिन्न अवधारणाएं हैं। यद्यपि दोनों ही व्यक्तियों के मूर्त समूह हैं तथापि दोनों में पर्याप्त अन्तर है। समिति व्यक्तियों का एक ऐसा समूह है जोकि किसी विशेष हित या हितों की पूर्ति के लिए बनाया जाता है। समुदाय, इसके विपरीत, व्यक्तियों का एक ऐसा समूह … Read more

# संस्था के सामाजिक कार्य, उद्देश्य या महत्त्व | Sanstha ke Samajik Karya, Uddeshya, Mahatva

बोगार्डस (Bogardus) के अनुसार, “सामाजिक संस्था समाज की वह संरचना है जिसको सुस्थापित कार्यविधियों द्वारा व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संगठित किया जाता है।” Read More : संस्था की परिभाषा एवं विशेषताएं संस्था के सामाजिक कार्य, उद्देश्य या महत्त्व : विभिन्न विद्वानों ने सामाजिक संस्थाओं के कुछ आधारभूत सामाजिक कार्य बताए हैं जोकि … Read more

# संस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं | संस्था की प्रमुख विशेषताएं | Sanstha Ki Paribhasha Aur Visheshata

संस्था का अर्थ एवं परिभाषाएँ : संस्थाएँ वे कार्यप्रणालियाँ हैं जिनके द्वारा व्यक्ति, समितियाँ या संगठन अपने उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। ये समाज द्वारा मान्यता प्राप्त होती हैं। कार्यप्रणालियाँ या नियमों की व्यवस्था होने के कारण संस्थाएँ अमूर्त होती हैं। विवाह, उत्तराधिकार, परीक्षा प्रणाली, स्नातकत्व, सामूहिक सौदेवाजी, प्रजातन्त्र इत्यादि संस्थाओं के प्रमुख उदाहरण है। … Read more

# संस्था और समिति में अंतर | Institution And Committee | Sanstha Aur Samiti Me Antar

संस्था और समिति : संस्था और समिति दोनों मानव की आवश्यकता पूर्ति से सम्बन्धित हैं। इनमें जो मूलभूत अन्तर पाया जाता है उसे मैकाइवर एवं पेज के इस कथन से स्पष्ट समझा जा सकता है कि प्रत्येक समिति अपने विशिष्ट हित के लिए विशिष्ट संस्थाएं रखती है। समिति तो व्यक्तियों का एक ऐसा समूह है … Read more

# समाज और समिति में अंतर | Samaj Aur Samiti Me Antar | Society And Committee

समाज और समिति में अंतर : समाज और समिति दोनों अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। समाज व्यक्तियों में पाए जाने वाले सामाजिक सम्बन्धों का ताना-बाना या जाल है। क्योंकि सामाजिक सम्बन्ध अमूर्त होते हैं, अत: समाज भी अमूर्त है। समिति व्यक्तियों द्वारा किसी निश्चित उद्देश्य अथवा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बनाया गया एक मूर्त संगठन है। … Read more

# कार्ल मार्क्स का ऐतिहासिक भौतिकवाद सिद्धांत | इतिहास की भौतिकवादी (आर्थिक) व्याख्या : अर्थ एवं परिभाषा, आलोचनात्मक व्याख्या

समाज और इतिहास के सम्बन्ध में कार्ल मार्क्स ने जिस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया है उसे ‘ऐतिहासिक भौतिकवाद‘ (Historical Materialism) के नाम से सम्बोधित किया जाता है। ऐतिहासिक भौतिकवाद एक वैज्ञानिक धारणा है। यह मानव-इतिहास की घटनाओं की भौतिक आधार पर व्याख्या करती है। ऐतिहासिक भौतिकवाद की आधारभूत मान्यताओं का वर्णन मार्क्स की प्रसिद्ध रचना … Read more