# राज्य की उत्पत्ति के मार्क्सवादी सिद्धांत की व्याख्या | Marxist Theory of the Origin of the State

राज्य की उत्पत्ति के मार्क्सवादी अवधारणा/सिद्धांत : इस सिद्धांत का जन्मदाता महान विचारक कार्ल मार्क्स माना जाता है। मार्क्स के विचार राज्य की उत्पत्ति के संदर्भ में अन्य सिद्धान्तों से अलग प्रतीत होते हैं। मार्क्स राज्य को प्राकृतिक एवं अनिवार्य संस्था नहीं मानता है। मार्क्स के अनुसार राज्य की उत्पत्ति न तो किसी नैतिक उद्देश्य … Read more

# अरस्तू के क्रान्ति संबंधी विचार क्या हैं? | अरस्तू का क्रांति सिद्धांत | Aristotle’s Revolutionary Thoughts

अरस्तू के क्रान्ति सम्बन्धी विचार : अरस्तू ने अपनी पुस्तक ‘पॉलिटिक्स‘ के सातवें भाग में राज्य क्रान्ति और संविधान परिवर्तन सम्बन्धी बातों की विवेचना की है। उसने क्रान्ति के कारणों, उनके रोकने के उपायों आदि का वर्णन किया है। अरस्तू ने संविधान तथा शासन-सत्ता में होने वाले प्रत्येक परिवर्तन को क्रान्ति कहा है। उसकी क्रान्ति … Read more

# राज्य के कार्यों का फासीवादी सिद्धांत, विशेषताएं, राज्य के कार्य एवं आलोचनाएं | Rajya Ke Fashivadi Siddhant

राज्य के कार्यों का फासीवादी सिद्धांत : राज्य के फासीवादी कार्यों का संबंध उस विशिष्ट विचारधारा से है जिसका उदय इटली (Italy) में हुआ था। फासीवाद इटैलियन भाषा के “फैसियो” शब्द से निकला है जिसका अर्थ होता है- लकड़ियों का बँधा हुआ बोझ। प्राचीन काल में रोम के राज्य चिन्ह फैसियो अर्थात लकड़ियों का बंधा हुआ … Read more

# राज्य के कार्यों का उदारवादी सिद्धान्त | उदारवादी राज्य के उद्देश्य एवं कार्य | Rajya Ke Udarvadi Siddhant

राज्य के कार्यों का उदारवादी सिद्धान्त : उदारवादी विचारधारा एक निश्चित एवं क्रमबद्ध विचारधारा नहीं है, वास्तव में यह कोई एक दर्शन नहीं वरन् अधिक विचारों का सम्मिश्रण है। यह एक जीवन दृष्टि, जीवन क्रम तथा मस्तिष्क की एक प्रवृत्ति है जिसके अन्तर्गत अनेक मान्यतायें आदर्श एवं समस्यायें हैं। ऐसी स्थिति में उदारवाद की व्याख्या … Read more

# विकासशील देशों की प्रमुख समस्याएं एवं निवारण के उपाय | Vikas-shil Deshon Ki Pramukh Samasya Aur Upay

विकासशील देशों की प्रमुख समस्याएं : विकास का लक्ष्य रखकर अनेक देश अनेक प्रकार के प्रयास कर रहे हैं और इसलिए उन्हें विकासशील देश कहते हैं जिनमें से भारत एक है। विकासशील देशों के अन्तर्गत तृतीय विश्व के देश आते हैं। तृतीय विश्व के देशों की अलग-अलग राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, औद्योगिक एवं कृषि सम्बन्धी समस्याएँ … Read more

# जनसंख्या का पर्यावरण पर प्रभाव | जनसंख्या एवं पर्यावरण में सम्बन्ध | Effect of Population on Environment

जनसंख्या का पर्यावरण पर प्रभाव बढ़ती हुई जनसंख्या का प्रभाव पर्यावरण अवनयन के रूप में दृष्टिगोचर होने लगा है। जनसंख्या की वृद्धि के कारण जल, वायु, ध्वनि एवं भूमि जैसे भौतिक तत्वों की गुणवत्ता में कमी आई है। जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं मृदा (Soil) प्रदूषण के कारण एक-तिहाई जनसंख्या विभिन्न बीमारियों एवं … Read more