# वैज्ञानिक अनुसंधान की विषय-सामग्री (Contents of Scientific Enquiry)

वैज्ञानिक अनुसंधान की विषय-सामग्री :

यद्यपि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड से सम्बन्धित प्रत्येक घटना वैज्ञानिक अनुसंधान की विषय-वस्तु है किन्तु स्पष्टीकरण के लिये वैज्ञानिक अनुसंधान की विषय-सामग्री को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है-

1. नये सिद्धान्तों की खोज

वैज्ञानिक क्षेत्र में नवीन समस्याओं तथा नवीन घटनाओं के उत्पन्न होने से नवीन परिस्थितियों के सम्बन्ध में नये वैज्ञानिक नियमों की खोज आवश्यक हो जाती है, बदली हुई परिस्थितियों के पुराने नियमों के आधार पर निष्कर्ष गलत हो जाते हैं। अतः नये नियमों की खोज वैज्ञानिक अनुसंधान की विषय-सामग्री का अंग है।

2. प्राप्त ज्ञान अथवा पूर्व निर्धारित नियमों का परीक्षण

पहले से प्रचलित सिद्धान्तों तथा उपलब्ध ज्ञान की सत्यता की जाँच करने के लिये भी वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाता है। वैज्ञानिक घटनायें जटिल एवं गतिशील हैं। वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य (Scientific perspective) प्राकृतिक पर्यावरण (Natural environment) के साथ नित्य प्रति बदलता जाता है। अतः नवीन वैज्ञानिक घटनाओं को समझाने के लिये पूर्व निर्धारित नियम सदैव सत्य सिद्ध नहीं होते हैं। इस कारण इन प्रचलित नियमों का परीक्षण आवश्यक होता है। यदि नवीन परिस्थितियों में प्राचीन सिद्धान्त लागू नहीं होते हों तो उन्हें अस्वीकृत कर दिया जाता है और नये नियमों का निरूपण किया जाता है।

3. अनुसंधान प्रणालियों की खोज

ज्ञान के विकास के साथ-साथ ज्ञान प्राप्त करने के साधनों का विकास भी आवश्यक है। जटिल वैज्ञानिक तथ्यों को जानने के लिये अधिक से अधिक उपयोगी वैज्ञानिक उपकरणों तथा पद्धतियों के विकास के लिये भी अनुसंधान किया जाता है, अतः नये नियमों की खोज और पुराने नियमों के सत्यापन के अतिरिक्त अनुसंधान प्रणालियों की खोज भी वैज्ञानिक अनुसंधान का विषय है।

4. वैज्ञानिक समस्याओं का अध्ययन

वैज्ञानिक जगत से सम्बन्धित नियमों का पता लगाने के लिये वैज्ञानिक (अनुसंधानकर्ता) को वैज्ञानिक समस्याओं का अध्ययन करना होता है ताकि भिन्न-भिन्न समस्याओं के कार्य-कारण का पता लगाया जा सके और उनके आधार पर नये वैज्ञानिक नियमों का निर्माण किया जा सके।

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