# छत्तीसगढ़ में कल्चुरि वंश का इतिहास (Kalchuri Vansh In Chhattisgarh)

कल्चुरि राजवंश : छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़ में कल्चुरि वंश) ईसवी सन्‌ 875 के लगभग कल्चुरि वंश के प्रवर्तक कोकल्लदेव के राजत्व का पता लगता है, इसके पूर्व कलचुरियों का क्या इतिहास था यह विषय अनिश्चित तथा विवादपूर्ण है। कल्चुरि शासक अपने आपको हैह्यवंशी भी कहते थे, इनकी राजधानी माहिष्मती थी। इस नगरी का नाम “माहिष्मती” संस्थापक हैह्यवंशी … Read more

# प्रागैतिहासिक कालीन छत्तीसगढ़ (प्राचीन छत्तीसगढ़ : इतिहास)

प्रागैतिहासिक कालीन छत्तीसगढ़ : वर्तमान छत्तीसगढ़ प्रागैतिहासिक काल से ही मानव आवास का क्षेत्र रहा है। इस कालखंड के कोई लिखित साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस समय के पुरातात्विक साधन जैसे शैलचित्र, औजार आदि इसका प्रमाण देते है। पूर्व पाषाण युग के औजार महानदी घाटी तथा रायगढ़ जिला के सिंघनपुर गुफाओं से प्राप्त हुए … Read more

# वैदिक (रामायण एवं महाभारत) कालीन : छत्तीसगढ़ इतिहास

छत्तीसगढ़ राज्य की वैदिक कालीन इतिहास छत्तीसगढ़ राज्य की वैदिक कालीन इतिहास को रामायण काल एवं महाभारत काल  इतिहास के रूप में देखा जा सकता है। पूर्व वैदिक काल के स्त्रोतों में छत्तीसगढ़ क्षेत्र की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन उत्तर वैदिक काल में इस क्षेत्र का उल्लेख मिलता है। इस काल में नर्मदा … Read more

# छत्तीसगढ़ के 36 गढ़/36 किला (36 Gadhs Name of Chhattisgarh)

अधिक़ांश इतिहासकारों का मत है कि कल्चुरियों ने 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए थे। जिनमें 18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तरी क्षेत्र में रतनपुर शाख़ा के अंतर्गत और दक्षिणी क्षेत्र में रायपुर शाख़ा के अंतर्गत 18 गढ़ शामिल थे। उस समय 84 गांवों के समूह को एक गढ़ कहते थे. तब … Read more

# सिरपुर के पाण्डुवंश/सोमवंश : छत्तीसगढ़ (Pandu Vansh Chhattisgarh)

सिरपुर के पाण्डुवंश/सोमवंश : पांचवीं शताब्दी में छत्तीसगढ़ (श्रीपुर / वर्तमान- सिरपुर) पर शासन करने वाले पाण्डुवंश के प्रारंभिक शासक उदयन, इन्द्रबल, नन्नदेव थे, जिनका राज्य पर्याप्त विस्तृत था, इन्हें सोमवंशी भी कहा जाता था। इस राजवंश के प्रथम शासक उदयन था जिसका उल्लेख कालिंजर के शिलालेख में आदिपुरुष के रूप में हुआ है। उदयन … Read more

# छत्तीसगढ़ के नामकरण, प्राचीन नाम (Chhattisgarh Ke Naamkaran)

छत्तीसगढ़ में सभ्यता का विकास एवं उद्भव देश के अन्य क्षेत्रों के समान ही इतिहास के विभिन्न कालखंडों से गुजरते हुए हुआ है, परन्तु छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास क्षेत्रीयता से प्रभावित होने के कारण अपनी पृथक पहचान रखता है। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना से पूर्व यह मध्यप्रदेश का भाग था। अभिलेखों, ताम्रपत्रों एवं प्राचीन धार्मिक … Read more