# अन्तः पीढ़ी एवं अन्तर पीढ़ी गतिशीलता : सामाजिक गतिशीलता | Intra and Intergenerational Mobility

गति जीवन की एक सामान्य प्रक्रिया है, परिवर्तन गति का परिणाम है, प्रत्येक परिवर्तन में सामाजिक गतिशीलता नहीं रहती है, जब गतिशीलता सामाजिक जीवन की इकाइयों से सम्बन्धित होती है तो इसे सामाजिक गतिशीलता कहते हैं।

सामाजिक गतिशीलता की परिभाषाओं में से कुछ परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-

(1) सोरोकिन के शब्दों में, “एक व्यक्ति या सामाजिक वस्तु अथवा मूल्य अर्थात् मानव क्रियाकलाप द्वारा बनायी या रूपान्तरित किसी भी चीज में एक सामाजिक स्थिति से दूसरी सामाजिक स्थिति में होने वाले परिवर्तन को सामाजिक गतिशीलता कहते हैं।”

(2) पीटर के शब्दों में, “समाज के सदस्यों के सामाजिक जीवन में होने वाली स्थिति, पद, पेशा और निवास स्थान सम्बन्धी परिवर्तनों को सामाजिक गतिशीलता कहते हैं।”

सार रूप में हम यह कह सकते हैं कि सामाजिक संरचना की किसी इकाई की स्थिति में होने वाले किसी भी प्रकार के परिवर्तन को सामाजिक गतिशीलता कहते हैं।

अन्तः पीढ़ी एवं अन्तर पीढ़ी गतिशीलता :

पीढ़ी को आधार मानकर सामाजिक गतिशीलता के दो प्रकारों का उल्लेख किया जा सकता है-

(i) अन्तः पीढ़ी गतिशीलता

(ii) अन्तर पीढ़ी गतिशीलता।

पीढ़ी शब्द की कई व्याख्याएँ की गई हैं। कई बार हम एक व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन काल को एक पीढ़ी कहते हैं और उसकी सन्तति को विभिन्न पीढ़ियों द्वारा सम्बोधित करते हैं। उदाहरण के लिए, हम कहते हैं- मोतीलाल नेहरू की पीढ़ी, जवाहरलाल नेहरू की पीढ़ी आदि।

पीढ़ी शब्द का प्रयोग एक आयु-समूह के लोगों के लिए भी किया जाता है। उदाहरण के लिए, हम कहते हैं- नई पीढ़ी, स्कूल जाने वाली पीढ़ी, कॉलेज जाने वाली पीढ़ी, वर्तमान पीढ़ी, हमारी पीढ़ी, युवा पीढ़ी, पुरानी पीढ़ी आदि। भारत की प्राचीन आश्रम व्यवस्था के अन्तर्गत एक पीढ़ी का कार्यकाल 25 वर्ष माना गया है। इस प्रकार पीढ़ी शब्द की कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं की गई है।

1. अन्तः पीढ़ी गतिशीलता (Intragenerational Mobility)

यदि एक व्यक्ति एक पीढ़ी में एक पद को त्यागकर दूसरा पद ग्रहण करता है तो उसे हम अन्तः पीढ़ी गतिशीलता कहेंगे। उदाहरण के लिए, 21 वर्ष की आयु का विद्यार्थी अपना अध्ययन समाप्त कर व्यवसायी बन जाता है या कोई नौकरी कर लेता है तो यह अन्तः पीढ़ी गतिशीलता कहलाएगी। इसी प्रकार से एक व्यक्ति द्वारा चुनाव जीतकर विधायक और उसके बाद मुख्यमन्त्री बनना भी अन्तः पीढ़ी गतिशीलता है।

2. अन्तर पीढ़ी गतिशीलता (Intergenerational Mobility)

अन्तर पीढ़ी गतिशीलता का तात्पर्य है एक पीढ़ी में धारण किए गए पद को त्यागकर दूसरी पीढ़ी के पदों को ग्रहण करना। अन्तर पीढ़ी गतिशीलता प्राकृतिक एवं स्वाभाविक है। आश्रम व्यवस्था अन्तर पीढ़ी गतिशीलता का स्पष्ट उदाहरण है, जिसमें एक व्यक्ति ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम और संन्यास आश्रम से गुजरता है। यह गतिशीलता व्यवस्थित, सरल तथा जटिलताओं से मुक्त है। एक व्यक्ति बाल्यावस्था में स्कूल में अध्ययन करता है, किशोर होने पर वह कॉलेज में पढ़ता है और युवा होने पर व्यवसाय या नौकरी करता है। उसकी यह गतिशीलता अन्तर पीढ़ी गतिशीलता कहलाएगी। विवाह करके व्यक्ति द्वारा पति व पिता का तथा स्त्री द्वारा पत्नी व माँ का पद ग्रहण करना भी अन्तर पीढ़ी गतिशीलता ही है।

प्रत्येक समाज में हमें अन्तः पीढ़ी और अन्तर पीढ़ी गतिशीलता देखने को मिलती है। गतिशीलता के उदग्र एवं क्षैतिज स्वरूपों की व्याख्या भी हम अन्तः और अन्तर पीढ़ी गतिशीलता के सन्दर्भ में कर सकते हैं।

Read More : समाजीकरण के स्तर एवं प्रक्रिया

Leave a Comment

5 × two =