# सामाजिक क्रिया की अवधारणा : मैक्स वेबर | सामाजिक क्रिया की परिभाषा, विशेषताएं, भाग, आवश्यक तत्व, आलोचना | Social Action
सामाजिक क्रिया के सिद्धांत को प्रस्तुत करने का पहला श्रेय अल्फ्रेड मार्शल (Alfred Marshall) को है। लेकिन सामाजिक क्रिया को समझाने वाले और प्रतिपादक विद्वानों में मैक्सवेबर…
# मैक्स वेबर की ‘सत्ता की अवधारणा’ | सत्ता के प्रकार, विशेषताएं, कार्य व सीमाएं | Concept of Authority
सत्ता : सत्ता (Authority) – सत्ता में शक्ति का समावेश होता है क्योंकि जब हम अपनी इच्छाओं को दूसरों के व्यवहारों पर लागू करते हैं तो यहाँ…
# सावयवी सिद्धान्त : हरबर्ट स्पेन्सर | सावयवी सादृश्यता सिद्धान्त | समाज और सावयव में अंतर/समानताएं, आलोचनाएं
सावयवी सादृश्यता सिद्धान्त : स्पेन्सर के सामाजिक चिन्तन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिद्धान्त समाज का सावयवी सादृश्यता सिद्धान्त है जिसका उल्लेख उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘समाजशास्त्र के सिद्धान्त‘…
# ऑगस्ट कॉम्टे के प्रत्यक्षवाद सिद्धांत | प्रत्यक्षवाद के भाग/प्रकार, मान्यताएं या विशेषताएं | Comte’s Positivism Theory
ऑगस्ट कॉम्टे के प्रत्यक्षवाद सिद्धांत/अवधारणा : समाजशास्त्र के जनक ऑगस्ट कॉन्टे को प्रत्यक्षवाद का प्रवर्तक माना जाता है। इनकी अनेक अवधारणाएँ प्रत्यक्षवादी सिद्धान्त पर आधारित हैं। कॉम्टे…
# समाजशास्त्र का व्यवसाय में योगदान | समाजशास्त्र का व्यवसाय से संबंध | Sociology and Profession
समाजशास्त्र और व्यवसाय : समाजशास्त्र का व्यावहारिक उपयोग आज व्यवसाय के क्षेत्र में अत्यधिक किया जाता है। इसलिए समाजशास्त्र की व्यावहारिक उपयोगिता व्यावसायिक क्षेत्र में उत्तरोत्तर बढ़ती…
# समाजशास्त्र तथा विकास पर एक निबंध | मानव विकास में समाजशास्त्र की भूमिका | Sociology and Development
समाजशास्त्र तथा विकास : जहाँ तक विकास का सम्बन्ध है सामाजिक विकास की धारणा एक प्रमुख समाजशास्त्री अवधारणा है जिसका अध्ययन हम समाजशास्त्र की एक विशिष्ट शाखा…