# वैष्णव धर्म का उद्भव और विकास
वैष्णव धर्म का उद्भव और विकास वैदिक काल में भारतीय धर्म का स्वरूप भिन्न भिन्न रूप में प्रस्तुत हुआ है। आर्यों ने देवत्व के दर्शन प्रकृति के…
# मूल अधिकारों में संशोधन (Amendment of fundamental rights)
मूल अधिकारों में संशोधन : मूल अधिकार राज्य के विरूद्ध प्रदत्त है अतः इसके कारण व्यवस्थापिका से मतभेद चलता रहा है। सर्वोच्च न्यायालय इसका निराकरण करने के…
# क्या भारत एक राष्ट्र है समझाइए ?
क्या भारत एक राष्ट्र है? अनेक बार इस आशय के प्रश्न किये जाते हैं कि भारत को एक राष्ट्र कहा जा सकता है या नहीं? राष्ट्र एक…
# राज्य के कार्य एवं औचित्य | State functions and justifications
राज्य के कार्य एवं औचित्य : यह सिद्ध हो चुका है कि राज्य और मानव का अटूट रिश्ता है। दोनों का एक दूसरे के बिना कोई अस्तित्व…
# जॉन आस्टिन का सम्प्रभुत्ता संबंधी सिद्धान्त | Samprabhuta Sambandhi Siddhant
जॉन आस्टिन का सम्प्रभुत्ता संबंधी सिद्धान्त सम्प्रभुत्ता की अवधारणा की सुस्पष्ट व्याख्या करने का श्रेय इंग्लैण्ड के प्रसिद्ध विधिवेत्ता जॉन आस्टिन (1790–1859) को जाता है। यह व्याख्या…
# मौलिक अधिकारों के संरक्षक (संवैधानिक उपचार) की भूमिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट/आदेश जारी करने की अधिकारिता
मौलिक अधिकारों के संरक्षक (संवैधानिक उपचार) की भूमिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट/आदेश जारी करने की अधिकारिता भारत की संवैधानिक संरचना में सर्वोच्च न्यायालय भारत के नागरिकों…