# प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य | Freedom of Press and Expression

प्रेस की स्वतन्त्रता : संविधान में प्रेस की आज़ादी के विषय में अलग से कोई चर्चा नहीं की गई है, वहाँ केवल वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में उल्लेख किया गया है। किसी भी पत्रकार के लिए यह आवश्यक है कि वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए स्वतन्त्रता के साथ … Read more

# प्रदूषण के प्रकार, स्त्रोत एवं प्रमुख प्रदूषक | Types of pollution, sources and major pollutants

पर्यावरण प्रदूषण : प्रकृति का अवलोकन करने पर जो कुछ परिलक्षित होता है, पर्यावरण के अन्तर्गत आता है। पर्यावरण के लिये अंग्रेजी शब्द Environment प्रयुक्त किया जाता है जो फ्रेंच भाषा के Environ से बना है जिसका अर्थ होता है आस-पास का वातावरण। हिन्दी में पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है- परि+आवरण। अतः पर्यावरण … Read more

# जलभरण (वाटरशेड) प्रबंधन, उद्देश्य, महत्व एवं आवश्यकता (Watershed Management)

जलभरण (वाटरशेड) प्रबंधन : ‘वाटरशेड’ (जलभरण) भूपटल पर एक जल निकास क्षेत्र है जहाँ से वर्षा के फलस्वरूप जल प्रवाहित होते हुए एक बड़ी धारा, नदी, झील या समुद्र में मिल जाती है। वाटरशैड किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन इसका प्रबंध जल भू-वैज्ञानिक तरीके एवं प्राकृतिक रूप में होना चाहिए। वाटरशैड आधारित … Read more

# वन एवं वन प्रबंधन (Forest and Forest Management)

वन एवं वन प्रबंधन : वन पारिस्थितिकी का मुख्य आधार होने के साथ मानव की आजीविका के स्त्रोत भी हैं। वन हमारे वर्तमान एवं भविष्य दोनों के संरक्षक है। वन केवल आर्थिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं, अपितु वातावरण को स्वच्छ रखने रेगिस्तानों के प्रसार मिट्टी में नमी बनाए रखने तथा कटाव को बचाने, तापमान … Read more

# मृदा/मिट्टी संरक्षण एवं प्रबंधन (Soil Conservation and Management)

भूमि : भूमि पृथ्वी का वह भाग है जिस पर हम निवास करते हैं पशु, पक्षी और सभी जीव जन्तु रहते हैं, जिस पर पेड़-पौधे और वनस्पति उगते हैं, जिसके अन्दर अनेक प्राकृतिक संसाधन (खनिज) भरे हैं। यह पूरी पृथ्वी का 3/10 भाग है और इसे स्थल मण्डल (Lithosphere) कहते हैं। सामान्य भाषा में पृथ्वी … Read more

# शिक्षा में सामाजिक विज्ञान/अध्ययन शिक्षण का महत्त्व (Importance of Social Studies in Education)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में उसका जन्म होता है और समाज में ही उसकी मृत्यु होती है। ऐसी दशा में उसके लिए आवश्यक है कि वह समाज में अपने को ठीक प्रकार से व्यवस्थित करे। यदि व्यक्ति अपने को समाज में ठीक प्रकार से व्यवस्थित कर लेता है तो यह उसकी सफलता है, … Read more