# छत्तीसगढ़ के 36 गढ़/36 किला (36 Gadhs Name of Chhattisgarh)

अधिक़ांश इतिहासकारों का मत है कि कल्चुरियों ने 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए थे। जिनमें 18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तरी क्षेत्र में रतनपुर शाख़ा के अंतर्गत और दक्षिणी क्षेत्र में रायपुर शाख़ा के अंतर्गत 18 गढ़ शामिल थे। उस समय 84 गांवों के समूह को एक गढ़ कहते थे. तब … Read more

# सिरपुर के पाण्डुवंश/सोमवंश : छत्तीसगढ़ (Pandu Vansh Chhattisgarh)

सिरपुर के पाण्डुवंश/सोमवंश : पांचवीं शताब्दी में छत्तीसगढ़ (श्रीपुर / वर्तमान- सिरपुर) पर शासन करने वाले पाण्डुवंश के प्रारंभिक शासक उदयन, इन्द्रबल, नन्नदेव थे, जिनका राज्य पर्याप्त विस्तृत था, इन्हें सोमवंशी भी कहा जाता था। इस राजवंश के प्रथम शासक उदयन था जिसका उल्लेख कालिंजर के शिलालेख में आदिपुरुष के रूप में हुआ है। उदयन … Read more

# छत्तीसगढ़ के नामकरण, प्राचीन नाम (Chhattisgarh Ke Naamkaran)

छत्तीसगढ़ में सभ्यता का विकास एवं उद्भव देश के अन्य क्षेत्रों के समान ही इतिहास के विभिन्न कालखंडों से गुजरते हुए हुआ है, परन्तु छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास क्षेत्रीयता से प्रभावित होने के कारण अपनी पृथक पहचान रखता है। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना से पूर्व यह मध्यप्रदेश का भाग था। अभिलेखों, ताम्रपत्रों एवं प्राचीन धार्मिक … Read more

# छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – छत्तीसगढ़ इतिहास

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि यदि राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ निर्माण की अवधारणा का बीजारोपण देखें तो छत्तीसगढ़ राज्य का भी ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में अपना स्वतंत्र इतिहास रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का इतिहास पहले छत्तीसगढ़ का क्षेत्र मराठों के अधीन नागपुर राज्य का हिस्सा था जिसे डलहौजी के हड़प नीति (1854) के … Read more

# छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीज-त्योहार, लोक पर्व, उत्सव (Chhattisgarh Ke Tihar)

किसी भी क्षेत्र के संस्कृति के विकास में स्थानीय त्योहारों का विशेष योगदान होता है, ये संस्कृति को जीवंत स्वरूप प्रदान करता हैं। पर्वों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ वर्ष के बारहों महीने कोई न कोई पर्व मनाता रहता है, जो यहाँ की सांस्कृतिक भावों को उल्लासित करते रहते हैं। कुछ प्रमुख स्थानीय त्योहारों का विवरण … Read more

# छत्तीसगढ़ में शरभपुरीय वंश (Sharabhpuriya Dynasty In Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ में शरभपुरीय वंश : लगभग छठी सदी के पूर्वार्द्ध में दक्षिण कोसल में नए राजवंश का उदय हुआ। शरभ नामक नरेश ने इस क्षेत्र में अपनी राजधानी बनाई। राजधानी का नाम उसी के नाम पर शरभपुर रखा गया तथा यह राजवंश शरभपुरीय राजवंश कहलाया। इस राजवंश के शासकों का सही कालखंड निर्धारण नहीं हो … Read more