# प्लेटो के शिक्षा-सिद्धान्त, महत्व, विशेषताएं, आलोचनाएं | Plato ke Shiksha-Siddhant, Mahatv, Visheshata

प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘रिपब्लिक‘ में बताया है कि “नैतिक गुणों का विकास केवल शिक्षा से ही सम्भव है. और शिक्षा के लिए भी शास्त्रों की शिक्षा…

# प्लेटो के दार्शनिक राजा का सिद्धान्त : विशेषताएं एवं आलोचनाएं | Plato’s Philosophical King’s Doctrine

प्लेटो के दार्शनिक राजा का सिद्धान्त : प्लेटो के अनुसार आत्मा के तीन तत्त्व- ज्ञान (Wisdom), साहस (Spirit), और वासना (Appetite) हैं। इन्हीं के अनुरूप समाज में…

# नीति निदेशक सिद्धान्त : संवैधानिक स्थिति – एक विश्लेषण

संवैधानिक स्थिति – एक विश्लेषण : “राज्य के नीति निदेशक सिद्धान्त यद्यपि कोई वैधानिक आधार प्रदान नहीं करते और न ही संवैधानिक उपचार देते हैं, मात्र सुझाव…

# मैकियावेली को आधुनिक राजनीतिक विचारक क्यों कहा जाता है? आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए | Aadhunik Rajnitik Vichark

आधुनिक राजनीतिक विचारक : मैकियावेली राजनीतिक दर्शन में मैकियावेली को “अपने युग का शिशु” कहने के साथ-साथ “आधुनिक युग का जनक” भी कहा जाता है। मैकियावेली धार्मिक…

# अरस्तू को प्रथम राजनी‌तिक वैज्ञानिक क्यों माना जाता है? स्पष्ट कीजिए | Pratham Rajnitik Vaigyanik

अरस्तू प्रथम वैज्ञानिक राजनीतिक विचारक के रूप में : अरस्तू को आधुनिक राजनीतिशास्त्र का जनक, प्रणेता या पितामह कहा जाता है। मैक्सी ने अरस्तू को ‘प्रथम राजनीतिक…

# हीगल के राज्य सम्बन्धी विचार | हीगल के राजनीतिक विचार | Hegal Ke Rajnitik ViChar

हीगल का राज्य विषयक सिद्धान्त : हीगल रूसो और अन्य संविदावादियों की इस धारणा से सहमत नहीं है कि राज्य एक कृत्रिम संस्था है और इसका उदय…