# नई प्रौद्योगिकी मानव समाज (सभ्यता) को किस तरह प्रभावित कर रही है?

प्रौद्योगिकी और मानव समाज (सभ्यता) : मानव समाज की जीवन शैली पर अलग-अलग युगों में तत्कालीन प्रौद्योगिकी का प्रभाव रहा है। प्रौद्योगिकी ने समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों को भी प्रभावित किया है। मानव समाज में प्रचलित संयुक्त परिवार प्रणाली, विवाह की भिन्न-भिन्न पद्धतियाँ, बहुविवाह प्रथा के स्थान पर एक पत्नी वाली सभ्यता, सम्पत्ति में … Read more

# बस्तर का दशहरा पर्व : छत्तीसगढ़ | Bastar Ka Dussehra Parv

बस्तर का ऐतिहासिक दशहरा विभिन्न विधि-विधानों के संगम का पर्व है। इस पर्व के प्रत्येक विधि-विधान की अपनी ऐतिहासिकता है, जो स्वयमेव ही इस पर्व को ऐतिहासिक भव्यता प्रदान करती है। यह पर्व निरंतर 75 दिनों तक चलती है। संपूर्ण भारत में मनाए जाने वाले दशहरे की प्राचीनता राम-रावण के संघर्ष से प्रेरित है तथा … Read more

# इतिहास शिक्षण के शिक्षण सूत्र (Itihas Shikshan ke Shikshan Sutra)

शिक्षण कला में दक्षता प्राप्त करने के लिए विषयवस्तु के विस्तृत ज्ञान के साथ-साथ शिक्षण सिद्धान्तों का ज्ञान होना आवश्यक है। शिक्षण सिद्धान्तों के समुचित उपयोग के लिए मनोवैज्ञानिकों एवं शिक्षाशास्त्रियों, जैसे-कॉमेनियस (Comenious) और हरबर्ट स्पेन्सर (Herbert Spencer) आदि ने अपने अनुभवों के आधार पर शिक्षण के कुछ सामान्य नियम निर्धारित किए थे, ताकि शिक्षण … Read more

# सिद्धान्त निर्माण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, महत्व | सिद्धान्त निर्माण के प्रकार | Siddhant Nirman

सिद्धान्त निर्माण : सिद्धान्त वैज्ञानिक अनुसन्धान का एक महत्वपूर्ण चरण है। गुडे तथा हॉट ने सिद्धान्त को विज्ञान का उपकरण माना है क्योंकि इससे हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पता चलता है, तथ्यों को सुव्यवस्थित करने, वर्गीकृत करने तथा परस्पर सम्बन्धित करने के लिए इससे अवधारणात्मक प्रारूप प्राप्त होता है। इससे तथ्यों का सामान्यीकरण के रूप … Read more

# पैरेटो की सामाजिक क्रिया की अवधारणा | Social Action Theory of Vilfred Pareto

सामाजिक क्रिया सिद्धान्त प्रमुख रूप से एक प्रकार्यात्मक सिद्धान्त है। सर्वप्रथम विल्फ्रेडो पैरेटो ने सामाजिक क्रिया सिद्धान्त की रूपरेखा प्रस्तुत की। बाद में मैक्स वेबर ने सामाजिक क्रिया सिद्धान्त को आदर्श-प्रारुप (Ideal type) के रूप में प्रस्तुत किया। तत्पश्चात् टालकट पारसन्स ने सामाजिक क्रिया सिद्धान्त को विश्लेषणात्मक ढंग से विकसित किया। बाद में उन्होंने सामाजिक … Read more

# सामाजिक एकता (सुदृढ़ता) या समैक्य का सिद्धान्त : दुर्खीम | Theory of Social Solidarity

दुर्खीम के सामाजिक एकता का सिद्धान्त : दुर्खीम ने सामाजिक एकता या समैक्य के सिद्धान्त का प्रतिपादन अपनी पुस्तक “दी डिवीजन आफ लेबर इन सोसाइटी” (The Division of Labour in Society) में करते हुए मत व्यक्त किया है कि मानव समाज में श्रम विभाजन के परिवर्तित प्रतिमानों के साथ-साथ सामाजिक एकता व कानून के स्वरूप … Read more