# न्याय का स्वतन्त्रता तथा समानता से सम्बन्ध | The Relationship of Justice to Liberty And Equality

न्याय का स्वतन्त्रता तथा समानता से सम्बन्ध :

न्याय का स्वतन्त्रता तथा समानता से प्रगाढ़ सम्बन्ध है। कभी-कभी तो ऐसा प्रतीत होता है कि स्वतन्त्रता अथवा समानता ही न्याय है। न्याय, स्वतन्त्रता तथा समानता परस्पर एक-दूसरे के आधार हैं। स्वतन्त्रता तथा समानताविहीन समाज को न्यायहीन समझा जाता है। अतः कहा जा सकता है कि स्वतन्त्रता एवं समानता का सामाजिक मूल्यों में महत्वपूर्ण स्थान है। चूंकि न्याय का सम्बन्ध सामाजिक मूल्यों से है इसलिए यह स्वतन्त्रता तथा समानता से जुड़ा हुआ है।

गुलामी घोर अन्याय है, जबकि स्वतन्त्रता न्याय की प्रथम आवश्यकता है। समाज एवं व्यक्ति की स्वतन्त्रता को अपने शक्ति बल से दबाने वाले प्रत्येक शासक को अन्यायी माना जाता है। स्वतन्त्रता के शत्रु को अत्याचारी मानकर उसके विरुद्ध होने वाले प्रत्येक आन्दोलन को न्यायपूर्ण माना जाता है। चूँकि स्वतन्त्रता हेतु होने वाला प्रत्येक आन्दोलन न्यायपूर्ण है। अतः स्वतन्त्रता तथा न्याय को परस्पर सम्बन्धित माना जाता है।

पूर्ण व्यक्तिगत स्वतन्त्रता अन्यायपूर्ण भी हो सकती है। यदि व्यक्ति की स्वतन्त्रता सामाजिक न्याय के विरुद्ध जाती है तो उस पर नियन्त्रण लगाया जा सकता है। सामाजिक न्याय एवं व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का सामंजस्य ही स्वतन्त्रता सम्बन्धी प्रमुख प्रश्न है। व्यक्ति की स्वतन्त्रता सामाजिक न्याय से हटकर एक समाज विरोधी स्वार्थ बन जाता है। अनेक बार पूँजीवादी समाजों में व्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर सामाजिक न्याय की बलि दे दी जाती है, लेकिन सच्चाई यह है कि व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को सामाजिक न्याय की कसौटी पर न्यायसंगत एवं तर्कसंगत ठहराया जा सकता है, अन्यथा नहीं।

प्रत्येक समानता न्यायपूर्ण नहीं होती तथा न ही प्रत्येक असमानता अन्यायपूर्ण है। जिस प्रकार व्यक्ति का रेल अथवा बस यात्रा में समान टिकट लगे तो यह अन्यायपूर्ण हो सकता है क्योंकि कम आयु के बच्चों का टिकट कम लगना चाहिए। न्याय और समानता का पारस्परिक सम्बन्ध सामाजिक मूल्यों की सम्पूर्ण प्रणाली के आधार पर ही परखा जा सकता है न्याय के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले यूनानियों ने दास-प्रथा को न्यायसंगत माना, जबकि वर्तमान में इसे अत्यन्त अन्यायपूर्ण माना जाता है क्योंकि जन्म से ही समानता का सिद्धान्त सर्वमान्य है। अतः कहा जा सकता है कि न्याय एवं समानता का सम्बन्ध सामाजिक मूल्यों के साथ-साथ परिवर्तन होता रहता है।

यद्यपि प्रत्येक समाज में कुछ असामनताएँ उचित अथवा अनुचित मानी जाती हैं लेकिन वर्तमानकाल में समान नागरिक अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को समाज में व्यक्तित्व विकास के समान अवसर तथा न्याय एवं कानून के समक्ष समानता इत्यादि को न्याय की आवश्यकता माना जाता है।

The premier library of general studies, current affairs, educational news with also competitive examination related syllabus.

Related Posts

सतत् विकास : एक संतुलित एवं दीर्घकालिक विकास की अवधारणा (Satat Vikas)

सतत् विकास : सतत् विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति का…

What is “Evaluation” : Meaning, Definition, Objectives, Characteristics and Types of Evaluation

Meaning of Evaluation : Evaluation means determining the value. Evaluation is a process of determining value. Evaluation is a continuous and inevitable part of the teaching process….

# सिद्धान्त निर्माण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, महत्व | सिद्धान्त निर्माण के प्रकार | Siddhant Nirman

सिद्धान्त निर्माण : सिद्धान्त वैज्ञानिक अनुसन्धान का एक महत्वपूर्ण चरण है। गुडे तथा हॉट ने सिद्धान्त को विज्ञान का उपकरण माना है क्योंकि इससे हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण…

# पैरेटो की सामाजिक क्रिया की अवधारणा | Social Action Theory of Vilfred Pareto

सामाजिक क्रिया सिद्धान्त प्रमुख रूप से एक प्रकार्यात्मक सिद्धान्त है। सर्वप्रथम विल्फ्रेडो पैरेटो ने सामाजिक क्रिया सिद्धान्त की रूपरेखा प्रस्तुत की। बाद में मैक्स वेबर ने सामाजिक…

# सामाजिक एकता (सुदृढ़ता) या समैक्य का सिद्धान्त : दुर्खीम | Theory of Social Solidarity

दुर्खीम के सामाजिक एकता का सिद्धान्त : दुर्खीम ने सामाजिक एकता या समैक्य के सिद्धान्त का प्रतिपादन अपनी पुस्तक “दी डिवीजन आफ लेबर इन सोसाइटी” (The Division…

# पारसन्स के सामाजिक स्तरीकरण का सिद्धान्त | Parsons’s Theory of Social Stratification

पारसन्स का सिद्धान्त (Theory of Parsons) : सामाजिक स्तरीकरण के प्रकार्यवादी सिद्धान्तों में पारसन्स का सामाजिक स्तरीकरण का सिद्धान्त एक प्रमुख सिद्धान्त माना जाता है अतएव यहाँ…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *