# ऐतिहासिक अनुसंधान पद्धति : अर्थ, परिभाषा, स्त्रोत, प्रमुख चरण, गुण एवं दोष (Historical Method in Hindi)

ऐतिहासिक अनुसंधान पद्धति : इतिहास शब्द का उद्गम ‘Historia‘ शब्द से हुआ है, जिनका मूल अर्थ होता है सीखना या खोज द्वारा प्राप्त किया गया ज्ञान। प्राचीनकाल में मानव इतिहास के अन्तर्गत भूतकालीन घटनाओं का खोजपूर्ण अध्ययन होता था। एक इतिहासकार का यह कार्य होता है, कि वह भूतकाल की घटनाओं के विषय में सामग्री … Read more

# जीवन इतिहास पद्धति : अर्थ, परिभाषा, प्रकार, क्षेत्र, गुण एवं अवगुण (Life History Method in Hindi)

सामाजिक अनुसन्धान में गुणात्मक एवं गणनात्मक दोनों प्रकार की सामग्री अथवा आँकड़ों का अपना अलग-अलग महत्त्व है। अनुसन्धान की समस्या की प्रकृति के अनुरूप अनुसन्धानकर्ता एकत्र की जाने वाली सामग्री के बारे में निर्णय लेता है। गुणात्मक सामग्री एकत्र करने में चार प्रमुख प्रविधियाँ सहायक होती हैं- सहभागी अवलोकन, वैयक्तिक अध्ययन, जीवन इतिहास तथा अन्तर्वस्तु … Read more

# अन्तर्वस्तु-विश्लेषण प्रक्रिया के प्रमुख चरण (Steps in the Content Analysis Process)

अन्तर्वस्तु-विश्लेषण संचार की प्रत्यक्ष सामग्री के विश्लेषण से सम्बन्धित अनुसंधान की एक प्रविधि है। दूसरे शब्दों में, संचार माध्यम द्वारा जो कहा जाता है उसका विश्लेषण इस प्रविधि द्वारा किया जाता है। अन्तर्वस्तु विश्लेषण को विषय विश्लेषण अथवा सामग्री विश्लेषण पद्धति भी कहा जाता है। फेस्टिंजर तथा डेनियल के शब्दों में, “अन्तर्वस्तु विश्लेषण, संचार से … Read more

# अन्तर्वस्तु-विश्लेषण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, उद्देश्य, उपयोगिता एवं महत्व (Content Analysis)

अन्तर्वस्तु-विश्लेषण संचार की प्रत्यक्ष सामग्री के विश्लेषण से सम्बन्धित अनुसंधान की एक प्रविधि है। दूसरे शब्दों में, संचार माध्यम द्वारा जो कहा जाता है उसका विश्लेषण इस प्रविधि द्वारा किया जाता है। अन्तर्वस्तु विश्लेषण को विषय विश्लेषण अथवा सामग्री विश्लेषण पद्धति भी कहा जाता है। सामाजिक घटनाओं के अवलोकन द्वारा जो गुणात्मक तथ्य एकत्रित किये … Read more

# सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन : सिद्धांत, लाभ एवं सीमाएं (Participatory Rural Appraisal : PRA)

सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन (PRA) : १. इसे ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी एकत्र करने के लिए लोकप्रिय और प्रभावी दृष्टिकोणों में से एक माना जाता है। २. इस दृष्टिकोण को 1990 के दशक की शुरुआत में ऊपर-नीचे से नीचे तक के दृष्टिकोण, और खाके में सीखने की प्रक्रिया के प्रतिमान में काफी बदलाव के साथ विकसित … Read more

# जीववाद की अवधारणा क्या है? (What is Animism?)

जीववाद : उद्भववादी सिद्धान्त से जुड़े जीववाद की अवधारणा का वर्णन टायलर तथा हर्बट स्पेंसर ने किया है। इस सिद्धान्त के अनुसार आत्मा व स्पीरीट का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह आत्मा शरीर से जुड़ा होते हुए भी स्वतंत्र इकाई के रूप में होता है। सभी व्यक्ति के दो स्तित्व को माना जाता है शरीर … Read more