छत्तीसगढ़ की जनजातियां/आदिवासी :
छत्तीसगढ़ भारत गणराज्य का सातवां सबसे बड़ा राज्य एवं जनजाति बहुल्य राज्य है। निम्न आकड़े इस तथ्य की पुष्टि करते है- 2011 ई. के जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या 25545198 है, जिनमें से अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 7822902 है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का 30.6 प्रतिशत है। भारत की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 8.6 प्रतिशत है। भारत की कुल अनुसूचित जनजाति जनसंख्या का 7.5 प्रतिशत जनसंख्या छत्तीसगढ़ में निवास करती है। छत्तीसगढ़ देश में जनजातीय जनसंख्या के क्षेत्र में सातवें स्थान पर है। अविभाजित मध्यप्रदेश के लिए जारी की गई अनुसूचित जनजाति की सूची 1950 (संशोधन 1976) को छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के समय क्षेत्रीय बंधनयुक्त कीर, मीणा, पनिका तथा पारधी (अनुक्रमांक 39 भोपाल, सिहोर, रायसेन) को अलग कर मध्यप्रदेश के लिए जारी अनुसूचित जनजातियों की सूची को छत्तीसगढ़ के लिए यथावत जारी की गई, जिसमें 42 जनजातियां सूचीबद्ध है।
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों की सूची :
42 अनुसूचित जनजातियां –
- 1. अगारिया
- 2. अंध
- 3. बैगा
- 4. भाइना
- 5. भारिया, भूमिया, भूइंहार भूमिया, भूमिया, भारिया, पलिहा, पन्डो
- 6. भत्रा
- 7. भील, भीलाला, बरेला, पटेलिया
- 8. भील मीना
- 9. भून्जिया
- 10. बिआर, बीयार
- 11. बिंझवार
- 12. बिरहुल, बिरहोर
- 13. डामोर, डामारिया
- 14. गडाबा, गाडबा
- 15. धंवर
- 16. गोंड, अराक, अराख, अगेरिया, असुर, अबुझमारिया, बादी मारिया, बादा मारिया, भटोला, भीमा, भूटा, कोलियाभूटा, कोलियाभूटी, भर, बीसोनहोरन मारिया, छोटा मारिया, डान्डामी मारिया, धुरू, धुर्वा, धोबा, धुलिया, डोरला, गैकी, गट्टा, गट्टी, गैटा, गौंड ग्वारी, हिल मारिया, कन्दरा, कलंगा, खटोला, कोयतार, कोया, खिरवार, खिरवारा, कूचा मारिया, कुचकी मारिया, माडिया, मारिया, माना
- 17. काकु मानेवर, मोघिया, मोगिया, मोंघिया, मूडिया, मूरिया, नगारची, नागवंशी, ओझा, राज, गोंड, सोनझारी झरेका, थाटिया, थोटिया, वादे मारिया, वाद मारिया, दरोई
- 18. हल्बा, हल्बी
- 19. कमार
- 20. कवर, कंवर, कौर, छेरवा, राथिया, तंवर, छत्री
- 21. खैरवार, कोन्दार
- 22. खैरिया
- 23. कोन्ध, खोन्द, कन्ध
- 24. कोल
- 25. कोलम
- 26. कोरकू, बोपची, मुआसी, नीहाल, नाहुल बोन्धी, बोन्देया
- 27. कोरवा, पहाड़ी कोरवा, कोड़ाकु
- 28. मांझी
- 29. मझवार
- 30. मवासी
- 31. मुण्डा
- 32. नागेसिया, नागासिया
- 33. ओरान, धानका, धनगड
- 34. परधान, पाथरी, सरोती
- 35. पारधी, बहेलिया, बहेल्लिया, चिता पारधी, लंगोली पारधी, फन्स परधी, शिकारी, टकान्कर, टकिया
- 36. पाओ
- 37. परजा
- 38. सहारिया, सहारिया, सेहरिया, सोसिआ, सोर
- 39. साओन्ता, साउन्ता
- 40. साउर
- 41. सवर, सवरा
- 42. सोनर
किन्तु आदिमजाति अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रायपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा सर्वेक्षण कराये जाने से ज्ञात हुआ कि छत्तीसगढ़ में केवल 31 जनजातियाँ ही निवास करती है और बाकी की 11 जनजातियां क्रमशः मध्यप्रदेश में भील, भीलमीणा, डामोर, कोरकू, कारक, मवासी, सहरिया, सौर, सोंर एवं महाराष्ट्र में अंध तथा कोलम जनजाति निवास करती है। जो छत्तीसगढ़ के सीमा क्षेत्रों में है।
आदरणीय श्रीमान, क्या आप जानकारी दे सकते हैं। भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में अधिसूचित अनुसूचित जनजाति समूह सूची में क्रमांक 35 पर- उरांव, धानका, धनगढ़ जनजातियां दर्ज है। वर्ष 2000 के मध्य तक मध्यप्रदेश राज्य के पश्चिमी छोर मालवा -मेवाड़ की संगम स्थली नीमच में तहसील स्तर पर धानका जनजाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र मिल जाया करते थे। मध्यप्रदेश राज्य का पुर्नगठन वर्ष 2000 में होने से छत्तीसगढ़ राज्य बना तथा भारत सरकार द्वारा जारी छत्तीसगढ़ राज्य में अधिसूचित अनुसूचित जनजाति समूह सूची में क्रमांक 33 पर- उरांव धानका धनगढ़ जनजातियां दर्ज है। समस्या यह है कि मध्यप्रदेश राज्य का आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल अपने शोध अन्वेषण में यह कि….. धानका, उरांव जनजाति की उपजाति के रुप में छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में ही पाई जाती है और इसके रीति-रिवाज, लक्षण, गौत्र नाम उरांव जनजाति कि भांति होती है।
क्या ? धानका जनजाति उरांव जनजाति की उपजाति होकर रायगढ़ जिले के अन्दर कौन से गांव या क्षेत्र में पाई जाती है। या नहीं पाई जाती है। आशा है कि आप जानकारी देने की कृपा करेंगे।