अनुसन्धान कार्य में केवल विषय से सम्बन्धित ज्ञान व सामग्री का ही महत्वपूर्ण स्थान नहीं है। जब तक एक वैज्ञानिक की वैज्ञानिक पद्धति के प्रति कोई रुचि न हो, तब तक वह अनुसन्धान कार्य में कोई सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। विज्ञान के प्रति रुचि रखने की तथा वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार खोज करने की भावना को ही वैज्ञानिक भावना कहते हैं। वैज्ञानिक भावना अनुसन्धानकर्त्ता को पक्षपात रहित तटस्थ रूप से अध्ययन करने की प्रेरणा देती है।
वैज्ञानिक भावना की प्रमुख विशेषताएं :
वैज्ञानिक भावना की विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
1. कठोर परिश्रम
वैज्ञानिक भावना के लिये यह आवश्यक है कि अनुसन्धानकर्त्ता में कठोर परिश्रम करने की आदत बनी हो। जब तक वैज्ञानिक आलस्य के वशीभूत रहेगा, तब तक वह अपने अनुसन्धान कार्य के किसी भी महत्वपूर्ण निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पायेगा। एक सफल वैज्ञानिक के लिये कठोर परिश्रम उतना ही आवश्यक है जितना वैज्ञानिक पद्धतियों का ज्ञान तथा आवश्यक सामग्रियों का संकलन।
2. निष्पक्ष भाव
तटस्थ भाव से किसी घटना का अध्ययन करना वैज्ञानिक भावना की प्रमुख कसौटी है। यदि एक वैज्ञानिक पक्षपातपूर्ण भाव से किसी घटना का अथवा अध्ययन-वस्तु का अध्ययन करता है तो उसके द्वारा निकाले गये निष्कर्ष कभी सार्वभौमिक नहीं हो सकते। वैज्ञानिक भावना की यह माँग है कि अध्ययन में यथासम्भव तटस्थता होनी चाहिये।
3. धैर्य तथा साहस
वैज्ञानिक भावना के अन्तर्गत धैर्य तथा साहस की अत्यन्त आवश्यकता है। एक वैज्ञानिक को बार-बार असफलता मिलने पर भी अपना धैर्य और साहस नहीं छोड़ना चाहिये। यदि वैज्ञानिक धैर्य और साहस के अभाव में हताश हो जाता है तो वह अपने कार्य में सफलता प्राप्त नहीं करेगा और उसे अपना अनुसन्धान कार्य बीच में ही छोड़ देना पड़ेगा। वैज्ञानिक भावना में सत्य की खोज करनी पड़ती है और सत्य कहने के लिये साहस तथा धैर्य की नितान्त आवश्यकता होती है।
4. रचनात्मक कल्पना
वैज्ञानिक भावना के अन्तर्गत एक वैज्ञानिक विभिन्न तथ्यों का संकलन कर विभिन्न नियमों का निर्माण करता है। इसलिये वैज्ञानिक भावना का रचनात्मक होना अत्यन्त आवश्यक है। इस सम्बन्ध में कार्ल पियर्सन ने लिखा है “नियम की खोज रचनात्मक कल्पना का अनूठा कार्य है।”
5. जिज्ञासा
एक वैज्ञानिक के लिये यह आवश्यक है कि वह नये अविष्कार के लिये उत्सुक रहे। यदि वैज्ञानिक को किसी बात को जानने की उत्सुकता नहीं होगी तो वह अपने आविष्कार में सफलता प्राप्त नहीं कर पायेगा। जिज्ञासा ही वैज्ञानिक भावना का प्रमुख कारण है और वह उसकी गहराई तक भी पहुँच सकता है।
6. वस्तुनिष्ठता
वैज्ञानिक भावना में एक वैज्ञानिक को मुख्य लक्ष्य का निष्पक्ष रूप से अध्ययन करना होता है। वह अपने अवलोकन के आधार पर ही विषय-वस्तु के सम्बन्ध में निष्पक्ष वस्तु का निर्माण करता है।
निष्कर्ष – इस प्रकार से उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट हो जाता है कि वैज्ञानिक भावना वैज्ञानिक पद्धति का महत्वपूर्ण अंग है। सामाजिक विज्ञानों में वस्तुनिष्ठता को बनाये रखने हेतु वैज्ञानिक भावना का पाया जाना नितान्त आवश्यक है।