छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना :
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ राज्य में कोविड-19 (कोरोना) महामारी से मृत व्यक्तियों के बेसहारा/अनाथ बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु “छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021” लागू किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोना महामारी से मृत व्यक्तियों के बेसहारा/अनाथ बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ राज्य में हुआ, तथा यह योजना शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू किया गया।
छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 की अधिसूचना क्रमांक एफ 7-6/2021/एक/6 द्वारा दिनांक 22 मई 2021 को जारी किया गया।
पात्रता की शर्तें
- छत्तीसगढ़ का निवासी हो।
- ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हुई हो।
- ऐसे बच्चे जो स्कूली शिक्षा प्राप्त करने हेतु आयु संबंधी पात्रता रखता हो।
- जिनके घर में कमाने वाले वयस्क सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो।
शैक्षणिक सुविधा
- ऐसे पात्र बच्चों को प्रदेश के शासकीय शालाओं में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी।
- ऐसे पात्र बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित “स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम” स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जायेगी।
- जिनके माता पिता दोनों की कोरोना से मृत्यु हो गयी है, उनके शिक्षा का सम्पूर्ण व्यय शासन वहन करेगा। साथ ही छात्रवृति दी जायेगी।
- जिनके कमाने वाला माता अथवा पिता की मृत्यु हो गयी है उन्हें निःशुल्क शिक्षा दिया जायेगा।
- पात्र छात्रों को स्कूल शिक्षा के पश्चात् उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहन दिया जायेगा।
- प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु प्रशिक्षण/कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा।
छात्रवृत्ति
ऐसे पात्र स्कूलों में प्रवेशित छात्रों को जिनका छात्रवृत्ति देय होगा :-
- कक्षा 1 से 8 तक – रूपये 500/प्रतिमाह
- कक्षा 9 से 12 तक – रूपये 1000 /प्रतिमाह
योजना का क्रियान्ययन
इस योजना का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा –
- किसी भी स्त्रोत से कलेक्टर को जानकारी प्राप्त होने पर, कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे।
- छात्र स्वयं या अभिभावक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को सीधे आवेदन कर सकेगा।
- प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण हेतु जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग का एक-एक अधिकारी नामांकित होंगे।
- समिति की अनुशंसा पर जिला कलेक्टर द्वारा स्वीकृति दी जायेगी।
- अभिलेखों के रख-रखाव हेतु पंजी का संधारण जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जायेगा।
- योजना की समीक्षा जिला कलेक्टर द्वारा समय-समय पर की जायेगी।
- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शी निर्देश जारी कर सकेगी।
वित्तीय प्रबंधन
सामान्य प्रशासन विभाग प्रति वर्ष छात्रों के मान से स्कूल शिक्षा विभाग को वांछित राशि उपलब्ध कराया जाएगा।.