भारतीय संविधान के 5वीं और 6वीं अनुसूची में उल्लेखित क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्र कहा जाता हैं। पांचवीं अनुसूची में कुल 10 राज्य छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िसा, राजस्थान और तेलंगाना को शामिल किया गया है। वहीं छठीं अनुसूची में चार पूर्वोत्तर राज्यों – असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्र :
छत्तीसगढ़ राज्य से 13 जिले एवं 85 आदिवासी विकासखण्ड 5वीं अनुसूची के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के रूप में घोषित किये गये हैं।
छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या का एक बड़ा भाग लगभग 33% आदिवासी जनसंख्या है। जिसके कारण राज्य का अधिकतर भाग संविधान के अंतर्गत (विशेष अधिकार संपन्न) “अनुसूची 5 का क्षेत्र” घोषित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के 7 जिले सरगुजा, कोरिया, जशपुर, कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा और कोरबा पूर्णतया पाँचवी अनुसूची के अंतर्गत आते है और 6 अन्य जिले रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर और धमतरी आंशिक रूप से पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत आते हैं।
अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने के लिए मानदंड –
पांचवीं अनुसूची के तहत किसी भी क्षेत्र को “अनुसूचित क्षेत्र” के रूप में घोषित करने के लिए मानदंड निम्नलिखित हैं:-
- जनजातीय आबादी की प्रधानता,
- क्षेत्र की सघनता और उचित आकार,
- एक व्यवहार्य प्रशासनिक इकाई जैसे जिला, ब्लॉक या तालुक, और
- पड़ोसी क्षेत्रों की तुलना में क्षेत्र का आर्थिक पिछड़ापन
छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में शामिल 13 जिले –
- बस्तर जिला (संपूर्ण)।
- दंतेवाड़ा जिला (संपूर्ण)।
- कांकेर जिला (संपूर्ण)।
- जशपुर जिला (संपूर्ण)।
- सरगुजा जिला (संपूर्ण)।
- कोरिया जिला (संपूर्ण)।
- कोरबा जिला (संपूर्ण)।
- बिलासपुर जिले में मरवाही, गौरेला-1, गौरेला-2 जनजाति विकासखंड और कोटा राजस्व निरीक्षक सर्किल।
- दुर्ग जिले की डोण्डी जनजाति विकासखंड।
- राजनांदगांव जिले में चौकी, मानपुर और मोहला जनजाति विकासखंड।
- रायपुर जिले की बिन्द्रानवागढ़ तहसील के गरियाबंद, मैनपुर एवं छुरा जनजाति विकास खंड।
- धमतरी जिले का सिहावा (नगरी) जनजाति विकासखंड।
- रायगढ़ जिले में धरमजयगढ़, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, और खरसिया जनजाति विकासखंड।
#Source :- भारत के राजपत्र क्र. 33004/99, दिनांक 20 फरवरी 2003.