# सामाजिक परिवर्तन की विशेषताएं | Characteristics of Social Change

सामाजिक परिवर्तन से आशय – सामाजिक परिवर्तन, समाज या सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन से सम्बन्धित है। समाज सामाजिक संगठन, सामाजिक सम्बन्ध और सामाजिक ढाँचे का सम्मिलित रूप है। समाज के इन भागों में जब परिवर्तन होता है तो इसे ही सामाजिक परिवर्तन कहते हैं। सामाजिक परिवर्तन की परिभाषा उन अन्तरों (Variances) और रूपान्तरों (Modifications) के … Read more

# समाजीकरण के साधन या अभिकरण | Main Agencies of Socialization

समाजीकरण के प्रमुख साधन या अभिकरण : जन्म से न तो कोई व्यक्ति सामाजिक होता है न ही असामाजिक (Neither social nor antisocial) बल्कि वह एक जैविकीय प्राणी होता है। इस जैविकीय प्राणी में कुछ ऐसी विशेषताएँ, गुण तथा क्षमताएँ होती हैं जिनके सहयोग के फलस्वरूप वह एक सामाजिक प्राणी बनता है। समाजीकरण की प्रक्रिया … Read more

# नगरीय समुदाय की विशेषताएं | Nagariy Samuday Ki Visheshata

नगरीय समुदाय, ग्रामीण समुदाय की तुलना में विशाल और घना बसा हुआ होता है। सामूहिक जीवन की अपेक्षा वैयक्तिक मूल्य की अधिक मान्यता होती है। परम्परात्मक ढाँचे से अलग-थलग होकर व्यक्ति यहाँ रहता है। भीड़ में रहता है जहाँ भावना के नाम पर औपचारिकता और दिखावा अधिक है। नगरीय समुदाय में विभेदीकरण की प्रक्रिया अधिक … Read more

# समाजीकरण की आवश्यकता एवं महत्व | Need or Importance of Socialization

समाजीकरण एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जैविकीय प्राणी में सामाजिक गुणों का विकास होता है तथा वह सामाजिक प्राणी बनता है। इस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति समाज और संस्कृति के बीच रहकर विभिन्न साधनों के माध्यम से सामाजिक गुणों को सीखता है। अतः इसे सीखने की प्रक्रिया भी कहा जाता है। फिचर (Fitcher) … Read more

# समाजीकरण के स्तर एवं प्रक्रिया या सोपान (Stages and Process of Socialization)

समाजीकरण का अर्थ एवं परिभाषाएँ : समाजीकरण एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जैविकीय प्राणी में सामाजिक गुणों का विकास होता है तथा वह सामाजिक प्राणी बनता है। इस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति समाज और संस्कृति के बीच रहकर विभिन्न साधनों के माध्यम से सामाजिक गुणों को सीखता है। अतः इसे सीखने की प्रक्रिया … Read more

# सामाजिक प्रतिमान (आदर्श) का अर्थ, परिभाषा | Samajik Pratiman (Samajik Aadarsh)

सामाजिक प्रतिमान (आदर्श) का अर्थ : मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में संगठन की स्थिति कायम रहे इस दृष्टि से सामाजिक आदर्शों का निर्माण किया जाता है। इनका निर्माण यकायक नहीं होता। कुछ आदर्श प्रतिमान क्रमशः विकसित हो जाते हैं और कुछ को इच्छा के साथ विकसित किया जाता है। इन प्रतिमानों का स्वरूप … Read more