# अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख कारण, परिणाम एवं प्रभाव

अमेरिका द्वारा स्वतन्त्रता की घोषणा (4 जुलाई, 1776 ई.) “हम इन सत्यों को स्वयंसिद्ध मानते हैं कि सभी मनुष्य जन्म से एकसमान हैं, सभी मनुष्यों को परमात्मा ने कुछ ऐसे अधिकार प्रदान किये हैं जिन्हें छीना नहीं जा सकता है और इन अधिकारों में जीवन, स्वतन्त्रता और अपनी समृद्धि के लिए प्रयत्नशील रहने का अधिकार … Read more

# “राज्य का आधार इच्छा है, शक्ति नहीं” इस कथन की व्याख्या कीजिए

राज्य का आधार इच्छा है शक्ति नहीं : “The basis of the state is will, not power.” – T.H. Green व्यक्तिवादी, साम्यवादी, अराजकतावादी राज्य को मात्र शक्ति के परिणाम और प्रतीक मानते हैं, किन्तु ग्रीन उनके विचार से सहमत नहीं है। ग्रीन के अनुसार यदि राज्य भय उत्पन्न कर अपनी आज्ञाओं का पालन करवाता है, … Read more

# लॉक के ‘मानव स्वभाव’ एवं ‘प्राकृतिक अवस्था’ सम्बन्धी प्रमुख विचार

मानव स्वभाव पर विचार : लॉक ने मनुष्य को केवल अ-राजनीतिक (Pre-Political) माना है, अ-सामाजिक (Pre-Social) नहीं, जैसा कि हॉब्स कहता है। हॉब्स के विपरीत लॉक की धारणा है कि मनुष्य में विवेक, प्रेम, सहानुभूति, दया और सहयोग की भावनाएँ पायी जाती हैं। यही कारण है कि प्राकृतिक अवस्था में भी मनुष्य सदैव संघर्ष नहीं … Read more

# प्लेटो के शिक्षा-सिद्धान्त, महत्व, विशेषताएं, आलोचनाएं | Plato ke Shiksha-Siddhant, Mahatv, Visheshata

प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘रिपब्लिक‘ में बताया है कि “नैतिक गुणों का विकास केवल शिक्षा से ही सम्भव है. और शिक्षा के लिए भी शास्त्रों की शिक्षा की व्यवस्था आवश्यक है।” प्लेटो के विचार में न्याय राज्य का प्राण है और उसके न्याय का अर्थ राज्य के विविध वर्गों द्वारा अपने कर्त्तव्यों का उचित पालन … Read more

# प्लेटो के दार्शनिक राजा का सिद्धान्त : विशेषताएं एवं आलोचनाएं | Plato’s Philosophical King’s Doctrine

प्लेटो के दार्शनिक राजा का सिद्धान्त : प्लेटो के अनुसार आत्मा के तीन तत्त्व- ज्ञान (Wisdom), साहस (Spirit), और वासना (Appetite) हैं। इन्हीं के अनुरूप समाज में ज्ञान प्रधान, भाव प्रधान और वासना प्रधान मनुष्य होते हैं। ज्ञान प्रधान वर्ग सर्वोत्तम और सर्वोपरि है। दार्शनिक शासक ज्ञान प्रधान वर्ग के अन्तर्गत आते हैं। प्लेटो का … Read more

# अरस्तू को प्रथम राजनी‌तिक वैज्ञानिक क्यों माना जाता है? स्पष्ट कीजिए | Pratham Rajnitik Vaigyanik

अरस्तू प्रथम वैज्ञानिक राजनीतिक विचारक के रूप में : अरस्तू को आधुनिक राजनीतिशास्त्र का जनक, प्रणेता या पितामह कहा जाता है। मैक्सी ने अरस्तू को ‘प्रथम राजनीतिक वैज्ञानिक’ (First Political Scientist) कहा है। यह बातें इसलिए सही हैं क्योंकि अरस्तू ने न केवल राजनीतिशास्त्र को स्वतन्त्र विषय का रूप दिया है, वरन् अपनी अध्ययन पद्धति … Read more