# संवैधानिक उपचारों का अधिकार एवं महत्त्व (रिट याचिका के महत्व)

उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय नागरिकों के मूल अधिकारों के ‘संरक्षक‘ एवं संविधान के ‘सजग प्रहरी‘ है। यह संविधान एवं अधिकारों की रक्षा के लिये ‘ढाल‘ का काम करते हैं। जब कभी किसी व्यक्ति के अधिकारों का अतिक्रमण होता है तो वह इनकी रक्षा के लिये न्यायालयों का दरवाजा खटखटा सकता है। न्यायालय ऐसे व्यक्तियों … Read more

# राष्ट्रपति के विधेयक स्वीकृति संबंधी शक्ति निषेधाधिकार (वीटो पावर) का प्रयोग

भारतीय संघ की संसद दो सदनों और राष्ट्रपति का संयुक्त स्वरूप है। कोई भी विधेयक तब तक विधि का स्थान नहीं ले सकता है, जब तक उस पर राष्ट्रपति की अनुमति नहीं मिल जाती क्योंकि राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है। इसीलिये विधेयक के दोनों सदनों द्वारा पारित हो जाने पर उसे अनुमति हेतु … Read more

# अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 भारत में स्वतंत्रता के बाद संविधान के अनुच्छेद 17 के द्वारा अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है और इसका किसी भी रूप में पालन करना दंडनीय अपराध माना गया है। भारतीय समाज में अस्पृश्यता की स्थिति को देखते हुए संविधान के अनु. 17 और 35 … Read more

# बम्बई राज्य बनाम बलसारा वाद

बम्बई राज्य बनाम एफ० एन० बलसारा वाद : बम्बई राज्य बनाम एफ० एन० बलसारा वाद में “बम्बई प्रान्त मद्य निषेध अधिनियम 1949” के कुछ उपबन्धों को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था जो संविधान से असंगत थे और शेष अधिनियम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा तथा यथावत् वैध बना रहा। दूसरे, ‘बम्बई राज्य बनाम … Read more

# मिनर्वा मिल्स लि० बनाम भारत संघ वाद

मिनर्वा मिल्स लि० बनाम भारत संघ वाद : मिनर्वा मिल्स लि० बनाम भारत संघ वाद भी अधिकारों एवं निदेशक सिद्धान्तों के साथ संशोधनीयता के प्रश्न से सम्बन्धित है। इस वाद में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष 42वें संशोधन अधिनियम 1976 की धारा 4 की वैधता को याचीकर्ताओं ने चुनौती दी। इस अधिनियम की धारा 4 द्वारा … Read more

# केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद : 1973

केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद : 1973 केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद 1973 में केरल भूमि सुधार संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आया, याचिका में उक्त अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1) (g), 25, 26 और अनुच्छेद 31 के उल्लंघन में बताया गया। … Read more