# भारतीय संघीय संविधान के आवश्यक तत्व | Essential Elements of the Indian Federal Constitution

भारतीय संघीय संविधान के आवश्यक तत्व : भारतीय संविधान एक परिसंघीय संविधान है। परिसंघीय सिद्धान्त के अन्तर्गत संघ और इकाइयों में शक्तियों का विभाजन होता है और यह विभाजन ऐसी रीति से किया जाता है जिससे प्रत्येक अपने क्षेत्र में पूर्णतया “स्वतंत्र” हों और साथ ही साथ एक-दूसरे के सहयोगी भी हों, न कि एक-दूसरे … Read more

# भारतीय संविधान में किए गए संशोधन | Bhartiya Samvidhan Sanshodhan

भारतीय संविधान में किए गए संशोधन : संविधान के भाग 20 (अनुच्छेद 368); भारतीय संविधान में बदलती परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं के अनुसार संशोधन करने की शक्ति संसद को प्रदान करती है। भारतीय संविधान के लागू होने (1950) के बाद से वर्ष 2021 तक कुल 105 संशोधन हो चुके हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निम्नलिखित है – … Read more

# भारतीय संविधान की प्रस्तावना | Bhartiya Samvidhan ki Prastavana

भारतीय संविधान की प्रस्तावना : प्रस्तावना, भारतीय संविधान की भूमिका की भाँति है, जिसमें संविधान के आदर्शो, उद्देश्यों, सरकार के संविधान के स्त्रोत से संबधित प्रावधान और संविधान के लागू होने की तिथि आदि का संक्षेप में उल्लेख है। संविधान सभा ने इसे 22 जनवरी 1947 को सर्वसम्मति से स्वीकार किया। जो कि इस प्रकार … Read more

# भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं | Bharatiya Samvidhan Ki Visheshata

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत के संविधान सभा ने भारत का नवीन संविधान निर्मित किया। 26 नवम्बर, 1949 ई. को नवीन संविधान बनकर तैयार हुआ। इस संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। यह संविधान 26 जनवरी, 1950 को कार्यान्वित किया गया। भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं : यह संविधान … Read more

# प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य | Freedom of Press and Expression

प्रेस की स्वतन्त्रता : संविधान में प्रेस की आज़ादी के विषय में अलग से कोई चर्चा नहीं की गई है, वहाँ केवल वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में उल्लेख किया गया है। किसी भी पत्रकार के लिए यह आवश्यक है कि वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए स्वतन्त्रता के साथ … Read more

# सरला मुद्गल बनाम भारत संघ मामला (Sarla Mudgal Case)

सरला मुद्गल बनाम भारत संघ : सरला मुद्गल बनाम भारत संघ वाद सामुदायिक कल्याण से जुड़ा बाद है, भारत के संविधान के निदेशक तत्वों में नागरिकों के लिए एक ‘समान सिविल संहिता’ को भी उल्लिखित किया गया है। संविधान की व्यवस्थानुसार – “राज्य, भारत के समस्त राज्य क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल … Read more