रीना नृत्य : छत्तीसगढ़
यह एक समूह नृत्य है जिसे केवल स्त्रियाँ ही करती है। अक्सर इस नृत्य को ठण्ड के मौसम में मनोरंजन के लिए किया जाता है। इसके गीत के बोल में मायके के बारे में उल्लेख किया जाता है। इसमें स्त्रियों के दो दल होते है। जो एक साथ घेरे में तथा पंक्तिबद्ध होकर नृत्य करती है। रीना नृत्य के साथ रीना गीत भी गाया जाता है। पैरों का ताल “लहकी करमा” की तरह होता है। नृत्य करती लड़कियों के हाथ मे ‘चुटकी‘ होती है। यह नृत्य बैगा और गोंड जनजातियों में अधिक लोकप्रिय है। मांदर और टिमकी की लय पर रीना तीन प्रकार की होती है।
छत्तीसगढ़ी रीना गीत कुछ इस प्रकार होती है –
री रीना यो रिहन रीना,
री री ना यो रीना रे राय,
कि री री नायो रे राम,
दाई आवय पोहनी बनके,
लूटा माज पानी दैयंव,
रोई-रोई भेंट करिव।।