# सात्मीकरण (आत्मसात्) का अर्थ एवं परिभाषाएं | Meaning & Definitions of Assimilation

सात्मीकरण (आत्मसात्) :

सामाजिक प्रक्रियाओं के अध्ययन में सात्मीकरण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रक्रिया में एक समूह या व्यक्ति उस समूह की संस्कति को आत्मसात् कर लेता है, जिस समूह का वह सदस्य बनना चाहता है। इसलिए मैकाइवर तथा पेज ने सात्मीकरण की प्रक्रिया को एक सौहार्दपूर्ण प्रक्रिया बताया है, इसके सकारात्मक पक्ष का उल्लेख करते हुए मैकाइवर तथा पेज का मत है कि सात्मीकरण की प्रक्रिया में दो व्यक्ति या समूह एक संयुक्त प्रक्रिया में एक-दूसरे के नजदीक आते हैं और एक समूह, दूसरे समूह के संस्कति, तौर-तरीके को अपना लेता है। इस प्रकार सात्मीकरण की प्रक्रिया एक वृहद प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत एक संस्कृति का अस्तित्व दूसरे संस्कति के अस्तित्व के साथ घुल-मिल जाता है।

सात्मीकरण की परिभाषाएं :

बोगार्डस के अनुसार – “सात्मीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा अनेक व्यक्तियों की मनोवृत्तियां एकीकृत हो जाती है और इसके फलस्वरूप वे एक संयुक्त समूह के रूप मे विकसित हो जाते है।”

फिक्टर के अनुसार – “सात्मीकरण एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति या समूह एक दूसरे के व्यवहार प्रतिमानों को स्वीकार करते है और निष्पादित करते हैं।”

पार्क और बर्जेस – “सात्मीकरण (आत्मसात्) सहभागिता एवं पारस्परिक अंतःप्रवेश की एक प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति अथवा समूह किसी दूसरे व्यक्ति अथवा समूह की स्मृतियों, भावनाओं और प्रवृत्तियों को ग्रहण कर लेते है तथा उनके अनुभव और इतिहास को साझा कर सामान्य सांस्कृतिक जीवन मे संयुक्त हो जाते है।”

फिचर के अनुसार – “आत्मसात एक सामाजिक प्रक्रिया है। जिसके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति या समूह एक-दूसरे के व्यवहार प्रतिमानों को स्वीकार करते है और उन्हीं के अनुसार आचरण करते है।”

ब्रुम तथा सेल्जेनिक ने सात्मीकरण की प्रक्रिया का वर्णन करते हुए यह कहा है कि इस प्रक्रिया में एक समूह की पहचान दूसरे समूह में लिप्त हो जाती है। इस प्रक्रिया में उन्होंने संवाद के अवरोध के टूटने को महत्वपूर्ण माना है। निःसंदेह यह प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक निम्न स्तर का ग्रुप, उच्च स्तर के ग्रुप में अपनी पहचान खो बैठता है। इस अवधारणा का प्रयोग अमेरिका के प्राजातीय संबंधों की व्याख्या के दौरान दिया गया था जिसमें प्रवासी प्रजाति के सांस्कतिक स्वरूपों का विलय उच्च प्रजाती के संस्कृति में हो जाता है। आर. पार्क ने इसे एक सैद्धांतिक आधार प्रदान कर इसे प्रजाती का चक्रिय संबंध बताया है। उनके अनुसार समूह के सांस्कतिक लक्षण आतिथेय (Host) समूह में विलीन हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान आर. पार्क का कहना था कि निम्न चार अवस्थाओं को देखा जा सकता है :

1. संपर्क (Contact)

2. समायोजन (Competition)

3. समायोजन (Accomodation)

4. सात्मीकरण (Assimilation)

इन विभिन्न अवस्थाओं के अर्थात् सात्मीकरण की प्रक्रिया एक स्तरीय प्रक्रिया है जिसमें आप्रवासी समूह अपनी संस्कृति को छोड़कर प्रभावी समूह व समाज के संस्कति को स्वीकार कर लेते हैं। इसलिए सात्मीकरण की प्रक्रिया को संस्कति संक्रमण (Acculturation) की अवधारणा भी कहा जाता है।

सात्मीकरण की प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जो अल्पसंख्यक समाज की संस्कृति की पहचान को नष्ट कर देती है। उपनिवेशवादी ताकतों के दौरान इस प्रकार की प्रक्रिया एक सामान्य रूप की प्रक्रिया के रूप में उभर कर आए जिससे उपनिवेशवादी ताकतों ने वहाँ के संस्कति तथा उसके स्वरूप को बदल दिया।

भारत में सामाजिक मानवशास्त्रियों ने सात्मीकरण की प्रक्रिया का अध्ययन सांस्कतिक संक्रमण के रूप में विस्तार से किया है भारत की जनजातियों का अध्ययन करते हुए कई सामाजिक मानवशास्त्रियों ने तो इसे सामाजिक एकीकरण के लिए एक उपयोगी प्रणाली माना हैं भारत के प्रसिद्ध मानवसमाजशास्त्री एन. के. बोस ने संस्कति संक्रमण की इस प्रक्रिया को जनजातियों के संदर्भ में हिन्दुकरण की प्रक्रिया बताया है उनका मानना था कि जनजातीय समाज एक अल्पसंख्यक समाज है उसे भारत में भारत की संस्कृति के साथ घुल-मिलकर रहना आवश्यक हैं और इसके लिए यह आवश्यक है कि भारतीय संस्कृति के तत्वों को वे अपना बना ले। इसके लिए उन्होंने संस्कति संक्रमण की विधि को एक उपयुक्त विधि बताया।

कई समाजशास्त्रियों ने सात्मीकरण की प्रक्रिया को एक विचारधारा का दूसरी विचारधारा पर वर्चस्व बताया है। इसलिए इस प्रक्रिया को संस्कृति के दृष्टिकोण से समाजशास्त्रियों ने उचित नहीं ठहराया है। निःसंदेह यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अल्पसंख्यकों की संस्कृति का विलय हो जाता है इसलिए इसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाकर भारत के विविध स्वरूप को नष्ट करने का ही एक तरीका समझा जाएगा। इसलिए इसे सांस्कृतिक एकीकरण की क्रिया में ज्यादा महत्व नहीं दिया गया है।

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