अधिक़ांश इतिहासकारों का मत है कि कल्चुरियों ने 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए थे। जिनमें 18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तरी क्षेत्र में रतनपुर शाख़ा के अंतर्गत और दक्षिणी क्षेत्र में रायपुर शाख़ा के अंतर्गत 18 गढ़ शामिल थे।
उस समय 84 गांवों के समूह को एक गढ़ कहते थे. तब इस क्षेत्र में तकरीबन 3025 गांव थे। गढ़ इनके प्रादेशिक इकाई का मुख्यालय होता था। जहां से क्षेत्रीय जनता पर नियंत्रण रखा जाता था। गढ़ के प्रमुख को गढ़पति या दीवान कहा जाता था। दीवान पर केवल राजा का नियंत्रण होता था।
इन गढ़ों की सूचियां चिजम और हैविट द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में दी गई है।।
छत्तीसगढ़ के 36 गढ़/36 किला के नाम :
रतनपुर शाखा के 18 गढ़ | रायपुर शाखा के 18 गढ़ |
---|---|
01. रतनपुर | 01. रायपुर |
02. उपरोड़ा | 02. पाटन |
03. मारो | 03. सिमगा |
04. विजयपुर | 04. सिंगारपुर |
05. खरौद | 05. लवन |
06. कोटगढ़ | 06. ओमेरा |
07. नवागढ़ | 07. दुर्ग |
08. सोढ़ीगढ़ | 08. सारधा |
09. ओखर | 09. सिरसा |
10. पंडराभट्ठा | 10. मोहदी |
11. सेमरिया | 11. खल्लारी |
12. मदनपुर | 12. सिरपुर |
13. कोसगई | 13. फिंगेश्वर |
14. करकट्टी | 14. सुअरमाल |
15. लाफा | 15. राजिम |
16. केंदा | 16. सिंगारगढ़ |
17. मातिन गढ़ | 17. टेंगनागढ़ |
18. पेण्ड्रा | 18. अकलवाड़ा |