जिला सुकमा : छत्तीसगढ़
सामान्य परिचय – सुकमा जिला छत्तीसगढ़ के दक्षिणतम छोर में स्थित है। पिछड़ापन और नक्सलवाद के आतंक में सिमटे यह जिला, प्रकृति के अप्रतिम सौंदर्य और आदिवासी संस्कृति के हृदयस्पर्शी का प्रमुख केन्द्र है। इस जिले में सर्वाधिक मात्रा में टिन अयस्क उपलब्ध है।
- गठन – 1 जनवरी 2012
- क्षेत्रफल – 5636 वर्ग किलोमीटर
- पड़ोसी सीमा – बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडिशा
- प्रमुख नदी – शबरी नदी (राज्य का एकमात्र जल परिवहन)
- प्रदेश में सर्वाधिक वन क्षेत्र का प्रतिशत है।
- जनजातीय प्रतिशत सर्वाधिक है।
- प्रदेश के दो जिलों में से एक जिसकी सीमा 3 राज्यों से लगी है।
- एक मात्र टिन उत्पादन जिला है।
- पूर्ण अनुसूचित क्षेत्रों में से एक है।
पर्यटन स्थल – चिटपिटिन माता मंदिर, महादेव डोंगरी, शबरी नदी, दुदम झरना, तुंगला जलाशय, मुनीपुट्टा आदि।
- टिन – गोविंदपाल, मुण्डपाल, चित्तलनार, कोंटा
- कोरण्डम – सोनकुकनार
- अभ्रक – झीरमघाटी
- क्वार्टज – गोजिया डोंगरी, फलूटोगा
- गेलेना – नरोनापल्ली क्षेत्र
- ग्रेनाइट – कोंटा, मुलाकिसोली एवं एर्राबोर क्षेत्र।
- गुप्तेश्वर जलप्रपात
- रानीदरहा जलप्रपात
- मल्गेर इंदुल जलप्रपात
- छ.ग. का प्रथम साइंस पार्क स्थापित किया गया
- (द्वितीय – साइंस पार्क – माना, रायपुर)
- शबरी नदी पर कोंटा से लेकर कुनांवरम (आंध्रप्रदेश) तक जल परिवहन की सुविधा है।
- छिंदगढ़ विकासखंड के गोबर बोहरानी पर्व प्रसिद्ध है।
प्रमुख जनजातियां – गोंड, मुरिया, धुरवा, मारिया, हल्बा।
पर्यटन स्थल :
1. चिटपिटिन माता मंदिर
यह मंदिर रामराय नामक ग्राम में स्थित है यहां पर स्थापित देवता को वारंगल से लाया गया था।
2. महादेव डोंगरी
यह मंदिर सुकमा से लगभग 3 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की प्रतिमा है। यहां पर महाशिवरात्री का मेला लगता है।
3. शबरी नदी
- शबरी नदी को कोलाब नदी भी कहते हैं।
- उद्गम – जिला कोरापुट, ओडिशा
- विसर्जन – आंध्रप्रदेश के कुनावरम्, गोदावरी में
- लम्बाई – 173 किलोमीटर
- छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच सीमा रेखा का निर्माण करती है।
- इस नदी के बालू में स्वर्ण कण पाए जाते हैं।
- जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। (छत्तीसगढ की एकमात्र नौ परिवहन)
4. रानीदरहा झरना
यह पुष्पल और कोइराला घाट के बीच तलनर गांव के पास शबरी नदी पर कोंटा तहसील में है। भीमसेनघाट शबरी नदी पर है और यह झरना भीमसेनघाट के पूर्वोत्तर पर है। त्रिवेणी संगम इसके पास है।
5. तुंगला जलाशय
गहरे जंगल के अंदर स्थित यह जलाशय सुकमा से 20 किमी दूर है। सर्दियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है।
6. मुनीपुट्टा
मान्यता है कि राजस्थानी के समूह में एक परिवार हुई (पिता, मां और पुत्र) एक नदी को पार करने की कोशिश कर रहे थे जहां एक परी प्रकट हुई और एक के बलिदान के लिए कहा ताकि बाकी दो जीवित रह सकें। पिता बलिदान देना चाहते थे, लेकिन पुत्र भी बलिदान देना चाहता था और सोच रहा था कि उसके माता-पिता दूसरे को गर्भ धारण करने के लिए पर्याप्त स्वस्थ हैं। जिस स्थान पर लड़का नदी में कूद गया वह मुनीपुट्टा के रूप में जाना जाता है। भक्त शिवरात्रि और मकर संक्रांती के दौरान यहां पूजा करते हैं।