राजनीति विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता/महत्व :
अरस्तू मानव जीवन को नैतिक और सभ्य बनाने के लिए राजनीति विज्ञान के अध्ययन को आवश्यक समझता था। मनुष्य के जीवन में राजनीति विज्ञान के अध्ययन के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। संक्षेप में, राजनीति विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता निम्नवत् है –
1. मानव अधिकारों एवं कर्तव्यों का ज्ञान
राजनीति विज्ञान के अध्ययन से व्यक्ति मानवीय अधिकारों का ज्ञान प्राप्त कर अपने व्यक्तित्व का सर्वोच्च विकास कर सकते हैं तथा कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त कर समाज एवं राज्य की उन्नति में योगदान दे सकते हैं। राजनीति विज्ञान मानव को उसके अधिकार और कर्तव्यों का ज्ञान कराता है जिससे मनुष्य समाज की श्रेष्ठतम इकाई के रूप में जीवन व्यतीत कर सके। इसके साथ ही राजनीति विज्ञान व्यक्तियों में परस्पर उचित सम्बन्ध स्थापित करके संघर्ष के स्थान पर सहयोग के सिद्धान्तों को प्रतिष्ठित करने का प्रयत्न करता है। इस प्रकार राजनीति विज्ञान का अध्ययन व्यक्ति ओर समाज दोनों के लिए ही उपयोगी है।
2. राष्ट्रीय और संवैधानिक इतिहास का ज्ञान
राजनीति विज्ञान के अध्ययन के आधार पर अपने देश की प्राचीन गौरव और प्राचीन असफलताओं का ज्ञान होता है। भारतीय राजनीति का विद्यार्थी अपने देश के राष्ट्रीय इतिहास का अध्ययन करने के उपरान्त यह निश्चित कर सकता है कि हमारी आजादी कितने बलिदानों के परिणाम स्वरूप मिली है, इसलिए इसकी हमें सदैव रक्षा करनी चाहिए। इस प्रकार विभिन्न देशों के राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी अपने-अपने देश की प्राचीन परम्पराओं, इतिहास और संस्कृति का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
3. राज्य एवं सरकार का ज्ञान
राजनीति विज्ञान में राज्य और सरकारों के संगठन, गुण-दोषों का अध्ययन किया जाता है। सरकार के विभिन्न रूपों में हमारे देश के लिए कौन-सा रूप सर्वोत्तम होगा, सरकार के कार्यों का मूल्यांकन किस आधार पर किया जाए, सरकार की कमियों को दूर करने के उपाय आदि की जानकारी राजनीति विज्ञान से मिलती है। शासन व्यवस्था और सरकार के अधिकार और कर्तव्यों का विश्लेषण भी इसमें किया जाता है।
4. उत्तम प्रशासन कला का ज्ञान
राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत प्रशासन को कुशल और जनहितकारी बनाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के चयन और प्रशिक्षण आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है। वर्तमान में राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत उत्तम प्रशासन तथा प्रशासन को जनता के प्रति अधिक से अधिक उत्तरदायी बनाने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।
5. उदार मानवीय दृष्टिकोण का निर्माता
आधुनिक युग में वैज्ञानिक प्रगति के कारण सम्पूर्ण विश्व ने एक इकाई का रूप धारण कर लिया है और समस्त विश्व के मनुष्य एक-दूसरे के बहुत निकट आ गये हैं। राजनीति विज्ञान हमें अपने और विश्व के दूसरे देशों का ज्ञान प्रदान कर हमारे दृष्टिकोण को व्यापक और उदार बनाता है। राजनीति विज्ञान हमें परिवार, जाति, गाँव और नगर के अतिरिक्त राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार करने की क्षमता प्रदान करता है।
यह शिक्षा देता है कि व्यक्ति से परिवार बड़ा है, परिवार से गाँव, गाँव से जिला, जिला से प्रान्त और प्रान्त से देश और देश से बड़ा विश्व है। व्यक्ति को परिवार के हित में, परिवार को गाँव के हित में, गाँव को जिला के हित में, जिला को प्रान्त के हित में, प्रान्त को राष्ट्र के हित में अपने स्वार्थ त्यागने चाहिए। क्षेत्रीय संकीर्णता, भाषावाद, जातिवाद, रंगभेद, लिंगभेद, धर्मभेद सबसे ऊपर उठकर मानव मात्र की समानता को एक मात्र आधार माने और विश्व कल्याण की भावना से कार्य करें। आज राजनीति विज्ञान मानव को विश्व राज्य निर्माण करने की ओर प्रेरणा दे रहा है। यदि ऐसा हो सका तो समस्त मानव-मानव के भेद सदैव के लिए समाप्त हो जाएंगे।
6. राजनीतिक चेतना का विकास
राजनीति विज्ञान नागरिकों में राजनीतिक चेतना जाग्रत करता है। राजनीतिक चेतना के अभाव में नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन उचित रूप में नहीं कर पाते हैं और नेता तथा प्रशासक पथ-भ्रष्ट हो सकते हैं। राजनीति विज्ञान के ज्ञान से सम्पन्न राजनीतिक चेतना युक्त जनता शासकों को भ्रष्ट होने से रोकती है तथा सरकार की गलत नीतियों की आलोचना कर शासन को जनहितकारी बनाने का यथासम्भव प्रयास करती है। राजनीतिक दृष्टि से जागरूक जनता ही बाह्य आक्रमण तथा आन्तरिक संकटों का सामना कर सकती है।
7. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का ज्ञान
संचार के द्रुतगति के साधनों ने सारे विश्व को समेट कर आज बहुत छोटा कर दिया है। आज विश्व के किसी भी कोने में कोई घटना घटती है, उसकी तुरन्त सूचना दुनियाभर को हो जाती है और उसका प्रभाव भी किसी न किसी रूप में दूसरों पर पड़ता ही है। आज कोई भी घटना स्थानीय या राष्ट्रीय नहीं रह पाती है। ऐसी स्थिति में राज्यों के पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन आवश्यक भी हो जाता है और महत्वपूर्ण भी। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध तथा अन्तर्राष्ट्रीय विधि राजनीति विज्ञान के भाग ही हैं। इसके माध्यम से ही निःशस्त्रीकरण, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं, अन्तर्राष्ट्रीय विचारधाराओं आदि का अध्ययन किया जाता है, जो प्रत्येक देश के लिए अनिवाय है। विदेश सम्बन्ध और राष्ट्रीय राजनीति पर अन्तर्राष्ट्रीय दबाव, शीतयुद्ध, आर्थिक साम्राज्यवाद जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों की जानकारी इस विषय से मिलती है।
उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट है कि राजनीति विज्ञान का अध्ययन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। आज यह सम्भव नहीं है कि व्यक्ति राजनीति विज्ञान के प्रति उपेक्षा बरतें। व्यक्ति भले ही राजनीति में रूचि न रखे या राजनीति से दूर रहना चाहे परन्तु राजनीति उससे दूर नहीं रह पाती है, उन तक पहुँच ही जाती है।
रॉबर्ट ए0 डहल के अनुसार, “राजनीति आज मानवीय अस्तित्व का अपरिहार्य तत्व बन गई है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में, किसी न किसी समय, किसी न किसी प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था से सम्बद्ध है। आज राजनीति विज्ञान का अध्ययन दुरतगति से अधिकाधिक उपयोगी होता जा रहा है। आइवर ब्राउन के अनुसार, “सामाजिक जीवन के वास्तविक मूल्य के प्रति यदि सहज बुद्धि से देखा जाय तो राजनीति विज्ञान का अध्ययन उपयोगी और सार्थक सिद्ध होगा।”