# राज्य की परिभाषा व आवश्यक तत्व | राज्य के प्रमुख तत्व | Definition and essential elements of state

“राज्य एक भूमिगत समाज है जो शासक और शासितों में बँटा होता है और अपनी सीमाओं के क्षेत्र में आने वाली अन्य संस्थाओं पर सर्वोच्चता का दावा करता है।” — लास्की राज्य क्या है यह राजनीति शास्त्र का एक जटिल प्रश्न है। प्रत्येक व्यक्ति राज्य का सदस्य होता है और राज्य शब्द का प्रयोग प्रतिदिन … Read more

# परम्परागत और आधुनिक राजनीति विज्ञान में अन्तर | Difference Between Traditional and Modern Political Science

परम्परागत और आधुनिक राजनीति विज्ञान में अन्तर : राजनीति विज्ञान की परिभाषा और क्षेत्र के सम्बन्ध में परम्परागत दृष्टिकोण का प्रतिपादन ब्लंटश्ली, गैरिस, सीले, गार्नर, लास्की आदि विद्वानों द्वारा किया गया है। आधुनिक दृष्टिकोण के प्रमुख प्रतिपादक हैं- डेविड, ईस्टन, रॉबर्ट डहल, जी0ई0जी0 केटलिन, मैक्स वेबर और एच0डी0 लासवेल आदि। राजनीति विज्ञान की परिभाषा, प्रकृति … Read more

# राज्य की उत्पत्ति का ऐतिहासिक (विकासवादी) सिद्धान्त | Evolutionary Theory of Origin of the State

राज्य की उत्पत्ति का ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धान्त : राज्य की उत्पत्ति के सम्बन्ध में किसी भी सिद्धान्त को स्वीकार नहीं किया जा सकता। आधुनिक समय में इस बात को स्वीकार किया जाने लगा है कि राज्य का निर्माण नहीं किया गया, यह तो सतत विकास का परिणाम है। डाॅ. गार्नर ने कहा है कि … Read more

# राज्य की उत्पत्ति के शक्ति सिद्धान्त | The Power Theory of Origin of the State

राज्य की उत्पत्ति के शक्ति सिद्धान्त शक्ति सिद्धान्त के अनुसार, राज्य की उत्पत्ति का कारण शक्ति है। इस सिद्धान्त के अनुसार, राज्य और शासन शक्ति पर आश्रित हैं। शक्ति से तात्पर्य बल प्रयोग से है। जब बलवानों ने अपनी शक्ति द्वारा निर्बलों को अपने अधीन कर लिया, तब राज्य की उत्पत्ति हुई। शक्ति सिद्धान्त के … Read more

# राज्य की उत्पत्ति के दैवी सिद्धान्त की व्याख्या | The Divine Theory of Origin of the State

राज्य की उत्पत्ति के सिद्धान्त “राजनीतिक चेतना के उदय की परिस्थितियों के विषय में हम इतिहास द्वारा बहुत कम अथवा बिल्कुल नहीं जानते। जहाँ इतिहास असफल हो जाता है वहाँ उस कल्पना का सहारा लेते हैं।” – गिलक्राइस्ट मनुष्य स्वभावतः ही इस रहस्य को जानने के लिए उत्सुक रहा है कि अमुक घटना ‘कैसे’ और ‘क्यों’ … Read more

# सम्प्रभुता (राजसत्ता) की परिभाषाएं, लक्षण/विशेषताएं, विभिन्न प्रकार एवं आलोचनाएं

सम्प्रभुता (प्रभुता/राजसत्ता) राज्य के आवश्यक तत्वों में से एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसके बिना हम उसे राज्य नहीं कह सकते। भले ही उसमें जनसंख्या, भूमि और सरकार तीनों तत्व पाये जाते हैं। सम्प्रभुता दो प्रकार की होती है – (1) आन्तरिक, और (2) बाहरी। आन्तरिक सम्प्रभुता राज्य के अन्दर रहने वाले सभी व्यक्ति तथा संस्थाओं … Read more